उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन त्रासदि के बाद से निलंबित डॉ कफील खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने कफील के खिलाफ 2019 में AMU में CAA-NRC के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की जस्टिस गौतम चौधरी की एकलपीठ ने इसके साथ ही उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई पर भी रोक लगा दी है।
जस्टिस गौतम चौधरी ने मामले में सीनीयर एडवोकेट दिलीप कुमार और राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश दिया।गौरतलब है कि इसी केस के आधार पर योगी सरकार ने डॉ कफील खान के खिलाफ एनएसए लगाया था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
इसी मामले में यूपी सरकार ने डॉक्टर कफ़ील ख़ान के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून यानी एनएसए भी लगाया गया था और इसी आधार पर हाईकोर्ट ने एनएसए की कार्यवाही को भी रद्द कर दिया था।
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डॉ कफ़ील ख़ान के वकील मनीष सिंह ने बीबीसी को बताया, “कोर्ट का कहना था कि मुक़दमा चलाने से पहले ज़रूरी अनुमति भी नहीं ली गई। इसीलिए इस मामले को पूर्ण रूप से अपास्त यानी ख़त्म कर दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस मामले में जब तक अभियोजन पूर्व स्वीकृति नहीं लेंगे, तब तक यह मामला नहीं चलेगा. जिस आधार पर एनएसए को रद्द किया था, उसी आधार पर इसे भी रद्द कर दिया है। “