हरियाणा सरकार ने शब्द ‘गोरख धंधा’ के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर अनैतिक कामों के बारे में बताने के लिए किया जाता है। बुधवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, गोरखनाथ समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने इस संबंध में निर्णय लिया।प्रतिनिधिमंडल ने खट्टर से इस शब्द के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने का आग्रह किया क्योंकि यह संत गोरखनाथ के अनुयायियों की भावनाओं को आहत करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखनाथ संत थे और किसी भी आधिकारिक भाषा, भाषण या किसी भी संदर्भ में इस शब्द का प्रयोग उनके अनुयायियों को आहत करता है। मालूम हो कि गोरखनाथ एक संत थे और उन्हें समर्पित एक मंदिर सोनीपत से 20 किलोमीटर दूर गोर्ड गांव में स्थित है।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि इस शब्द के नकारात्मक अर्थ निकालने से संत गोरखनाथ के अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोरखनाथ एक संत थे। किसी भी राजभाषा, भाषण या किसी संदर्भ में इस शब्द का इस्तेमाल उनके अनुयायियों की भावनाओं को आहत करता है, इसलिए अब इसका उपयोग राज्य में पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।
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प्रदेश में गुरु गोरखनाथ के अनेक अनुयायी हैं। उनकी भावनाएं इस शब्द के इस्तेमाल से आहत नहीं होने देंगे। सरकार का कार्य हर वर्ग की भावनाओं की कद्र करना है। प्रदेश में जब भी किसी समुदाय ने किसी नाम या शब्द को लेकर आपत्ति जताई है, उसे सरकार ने या तो बदला है या उसके उपयोग पर पाबंदी लगाई है।