उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिन 6 जनसंपर्क अधिकारी को नियुक्त किया है उनमें से 3 RSS बैकग्राउंड से हैं और 3 भाजपा से जुड़े हुए थे। इनमें से तीन मुख्यमंत्री कार्यालय में रहेंगे, दो मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में काम करेंगे और तीसरे पीआरओ के पास जनता की शिकायतों को निपटाने का जिम्मा होगा।नियुक्तियों से पहले RSS के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के साथ कई दौर की बैठक की, जिसमें संघ के साथ समन्वय पर जोर देने की जरूरत पर चर्चा हुई।
3 RSS बैकग्राउंड वाले तीन पीआरओ की बात की जाए तो इनके नाम भजराम पंवार, गौरव सिंह और राजेश सेठी है, पंवार पहले आरएसएस जिला प्रचारक थे। इसके अलावा अन्य तीन पीआरओ की बात की जाए तो इनके नाम प्रमोद जोशी, नंदन सिंह बिष्ट और मुलायम सिंह रावत है, यह तीनों पूर्व में भाजपा से जुड़े रहे हैं।
पुष्कर धामी जुलाई में जब मुख्यमंत्री बने थे तो बीजेपी के कई वरिष्ठ विधायकों के नाराज़ होने की ख़बरें आई थीं। सवा करोड़ की आबादी वाले इस राज्य में बीजेपी हाईकमान अपने नेताओं पर शायद भरोसा नहीं कर पा रहा था और उसने चार महीने में तीन मुख्यमंत्री जनता के सामने पेश कर दिए थे।
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किसी भी राज्य में मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों के द्वारा पीआरओ नियुक्त करने की पूरी कवायद राजनीतिक होती है और यह माना जाता है कि अपने क़रीबियों को उपकृत करने के लिए उन्हें पीआरओ बना दिया जाता है हालांकि इसके पीछे जनता के कामों का हवाला दिया जाता है। उत्तराखंड जैसे बहुत छोटे राज्य में 6 पीआरओ बनाए जाने के फ़ैसले पर सवाल उठना लाजिमी है।