कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों पक्ष अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। किसानों का कहना है कि सरकार को MSP पर कानून बनाना होगा, वहीं सरकार का कहना है कि वह लिखित तौर पर एमएसपी लागू करने के लिए तैयार है। इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया है कि सरकार की तरफ से किसानों को एमएसपी देने में काफी समय से फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।
टिकैत ने दावा किया कि गेहूं सहित कई फसलें किसानों के बजाय बिचौलियों के माध्यम से खरीदी गई हैं और उनकी सरकारी रिकॉर्ड में जाली पहचान है। टिकैत का दावा है, “सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक देश भर के सिर्फ 8% किसानों को ही एमएसपी का लाभ मिल रहा है। जिसमें 40% किसानों की पहचान जाली है।”
जैसे ही ‘किसान’ शब्द आता है, वैसे ही सदन के माइक बंद हो जाते हैं- ट्वीट कर बोले हुड्डा
इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार को यूपी में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद में बड़े पैमाने पर अनियमितता का आरोप लगाया और सीबीआई जांच की मांग की। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने दावा किया कि गेहूं सहित कई फसलें किसानों के बजाय बिचौलियों के माध्यम से खरीदी गई हैं और उनकी सरकारी रिकॉर्ड में जाली पहचान है। उन्होंने अपने एक बयान में कहा, “दरअसल, देश में आठ फीसदी किसानों को भी एमएसपी नहीं मिल रहा है। एमएसपी के नाम पर देश में सरकार किसानों को लूट रही है।”