आज मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में लिए गए फैसलों की घोषणा करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर पर अनुमान जताया। शक्तिकांत दास ने कहा कि टीकाकरण से अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलने की उम्मीद है। टीकाकरण बढ़ने से आर्थिक गतिविधियां बढ़ी हैं। जून के मुकाबले जुलाई में आर्थिक सुधार बेहतर रहा। लेकिन कोरोना की तीसरी लहर के प्रति चौकन्ना रहने की जरूरत है।
रिजर्व बैंक ने कोरोना की दूसरी लहर के घटते प्रभाव के साथ-साथ देश में बढ़ते टीकाकरण के कारण वास्तविक जीडीपी की वृद्धि के लिए वित्त वर्ष 2021-22 के अनुमान को 9.5 फिसदी पर बरकरार रखा है। वहीं केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने वाणिज्यिक बैंकों के लिए रेपो दर, या अल्पकालिक उधार दर को 4 प्रतिशत पर बनाए रखा। रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी दर और ‘बैंक दर’ को 4.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा गया है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि अर्थव्यवस्था कोविड की दूसरी लहर के बाद वापसी की राह पर है।उनके मुताबिक, निजी और सरकारी खपत, निवेश के साथ मांग में सुधार हो रहा है। उन्होंने भारत के लिए अवसर के रूप में मजबूत बाहरी मांग का हवाला दिया।
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पहले रिजर्व बैंक ने 2021-22 के दौरान आर्थिक वृद्धि को 10.5 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया था। मालूम हो कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में पिछले वित्त वर्ष यानी 2020-21 में 7.3 फीसदी की गिरावट आई है। पिछले वित्त वर्ष की शुरुआत जहां भारी गिरावट के साथ हुई थी, वहीं चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था वृद्धि की राह पर लौटी और जनवरी-मार्च 2021 तिमाही में 1.6 फीसदी वृद्धि हासिल की गई।