उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं, इस बीच प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बड़ा बयान दिया है। कोरोना त्रासदी पर बोलते हुए मौर्य ने कहा- जितना अच्छा हो सकता है वो योगी सरकार ने किया है, जो कमी रही वो स्वीकर करते हैं लेकिन सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। गंगा में बहती लाशों पर उन्होंने कहा कि- गंगा के किनारे जिन लाशों को दफनाने की बात कही जा रही है वह आज से नहीं हो रहा, वह परंपरागत है।
उन्होंने कहा कि जब से गंगा का प्रवाह कम हुआ है वहां ऐसा होता है, कड़वाधाम, फापामुक्त में ऐसा होता है, जब बाढ़ आती है तो शव बहकर जाते हैं। किसानों के मुद्दे पर केशव मौर्य ने कहा कि राकेश टिकैत लखनऊ आएंगे, मुझे लगता है वो विपक्षी दलों की साजिश का शिकार हैं।
गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब देश में रोजाना 4 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो रहे थे, तभी उत्तर प्रदेश के उन्नाव और श्रावस्ती में गंगा नदीं में कई शव उतराते दिखे थे। यही नहीं, इन खबरों के बाद राज्य सरकार पर विपक्ष हमलावर हो गया। वहीं, इसे देश-विदेश के मीडिया में भी इसे लेकर खूब चर्चा हुई। यही नहीं, प्रयागराज में नदीं के किनार शवों को दफनाने को लेकर भी सवाल उठे थे, लेकिन उत्तर प्रदेश के कई गांवों में कुछ खास स्थिति में ये परंपराएं नई नहीं हैं।
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बता दें कि जितनी बड़ी संख्या में नदियों में शव बहते हुए देखे गए थे और रेत में उन्हें दफनाया जा रहा था, उससे आशंका पैदा हुई थी कि गांवों में कोविड से मरने वालों की तादाद बहुत ज्यादा है, जिसके चलते लोगों को ऐसा करना पड़ रहा है। तथ्य ये सामने आए कि हालात ने तस्वीरों को जरूर भयावह बनाया है, लेकिन ये कोई नई परंपरा नहीं हैं।