बिहार विधान सभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने अब स्वीकार किया कि 23 मार्च को पुलिस द्वारा विधायकों की पिटाई गलत थी और यह अक्षम्य है। बुधवार को इस विशेष पर बहस हुई जिसमें सिन्हा ने कहा कि विधायकों को बूट से मारना गलत है और इसे कभी माफ नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘अपमान इस आसन का नहीं, सदन का हुआ, किसी विधायक को बूट से मारा गया तो विधायक का नहीं विधायिका का अपमान हुआ है।’
बिहार विधान सभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने माना कि विधायकों को बूट से पुलिस वालों द्वारा मारना इस साल 23 मार्च को ग़लत था शी इससे विधायिका शर्मसार हुई@ndtvindia @Anurag_Dwary pic.twitter.com/bLDqR1Hnw2
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राजद नेता तेजस्वी यादव ने बहस की शुरुआत करते हुए बार-बार पूछा कि विधायकों की पिटाई करने का आदेश पुलिस को किसने दिया था?बता दें कि 23 मार्च को बिहार विधान सभा में विधेयक का विरोध कर रहे विपक्षी राजद के विधायकों को बिहार पुलिस ने सदन से घसीटकर बाहर सड़क पर पीटा था।
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लेकिन संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने बहस के दौरान साफ़ कर दिया कि जो भी कारवाई हुई अध्यक्ष के सहमति से हुई और कारवाई जिसके ख़िलाफ़ करना हैं उन्हें निर्णय लेना हैं @ndtvindia pic.twitter.com/DrTP0M23ZB
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विशेष बहस के दौरान संसदीय कार्य मंत्री, विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सदन के अंदर पुलिस को बुलाने का निर्णय विधानसभा अध्यक्ष का था और इसमें राज्य सरकार ने कोई भूमिका नहीं निभाई थी। चौधरी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि जो भी निर्णय लिए गए और सदन के अंदर कार्रवाई हुई, वह विधानसभा अध्यक्ष का निर्णय था।