हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला का कहना है कि गुरुवार को विपक्ष के सांसद इकट्ठे होकर संसद जाएंगे और काले कानून का विरोध करेंगे। इंडियन नेशनल लोकदल के अध्यक्ष चौटाला ने कहा कि विपक्षी ऐसे हालात पैदा कर देंगे कि सरकार को मजबूर होकर कानून वापस लेने पड़ेंगे। चौटाला ने दो किसान प्रदर्शन स्थलों का दौरा किया और कहा कि धरना-प्रदर्शन सरकार को काले कृषि कानूनों को रद्द करने पर मजबूर कर देंगे। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई केवल किसानों और मजदूरों की नहीं है बल्कि ”पूरे देश की है और पूरी दुनिया की निगाहें किसान आंदोलन पर हैं। किसान यूनियन का भी कहना है कि वे जंतर-मंतर पर एक ‘किसान संसद’ का आयोजन करेंगे और 22 जुलाई से प्रतिदिन सिंघू सीमा से 200 प्रदर्शनकारी वहां पहुंचेंगे।
चौटाला ने कहा था कि वह किसानों के प्रति अपना समर्थन जताने के वास्ते धरना स्थलों का दौरा करेंगे और मंगलवार को वह हरियाणा के पलवल और उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में किसानों के धरना स्थल पर पहुंचे।आईएनएलडी ने केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों को अपना समर्थन दिया है। पलवल में किसानों का संबोधित करते हुए चौटाला ने कहा, ” हमारा देश प्राथमिक तौर पर कृषि आधारित है। अगर किसान खुश हैं तो देश समृद्ध है, अगर वे खुश नहीं हैं तो राष्ट्र तरक्की नहीं कर सकता।”
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उन्होंने आरोप लगाया, ” भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण किसान समेत समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों का जीवन मुश्किल में पड़ गया है। यह सरकार कारपोरेट घरानों के फायदे वाली नीतियां बनाना चाहती है।” उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन लगातार मजबूत हो रहा है क्योंकि इसे देशव्यापी समर्थन हासिल है।