भारतीय नेताओं, पत्रकारों और कारोबारियों के फोन हैकिंग का एक बड़ा मुद्दा सामने आया है, हालांकि सरकार ने इस बात से इनकार किया है। पेगासस स्पाईवेयर द्वारा लगभग 300 भारतीयों के फोन टैप होने की बात कही जा रही है, इस लिस्ट में वायरोलॉजिस्ट गगनदीप कांग का भी नामहै। इस मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मुझे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं है कि कोई यह क्यों जानना चाहेगा कि मैं क्या करती हूं।
उन्होंने कहा- हो सकता है कि इसका संबंध साल 2018 में उनकी तरफ से निपाह वायरस के लिए ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन सहयोग जुटाने से जुड़ा हो। कांग ने कहा- मुझे नहीं पता यह चिंता का विषय है या नहीं, मैं कुछ भी विवादित नहीं करती, मैं एक क्लीनिकल साइंटिस्ट हूं।
इस दौरान वह Translational Health Sciences and Technology Institute (THSTI) के साथ काम कर रही थीं। यह फरीदाबाद का पब्लिक हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट है जो साइंस और टेक्नोलॉजी मंत्रालय के तहत आता है। वह केरल में निपाह वायरस के प्रकोप की प्रतिक्रिया पर काम कर रही थीं और उन्होंने भारतीय स्वास्थ्य अधिकारियों से संक्रमितों के ब्लड सैंपल की मांग की थी, जिससे कि वे भविष्य में इस तरह के किसी भी प्रकोप के खिलाफ वैक्सीन विकसित कर सकें।
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बता दें कि गगनदीप कांग लंदन में फेलो ऑफ रॉयल सोसाइटी (FRS) में चुनी जाने वाली पहली भारतीय महिला वैज्ञानिक हैं। वह कालरा और टाइफाइड की वैक्सीन विकिसित करने के काम के लिए भी जानी जाती हैं। कांग का नाम सामने आने के बाद दुनिया भर के वैज्ञानिकों की निजता और डाटा प्रोटक्शन पर भी सवाल उठने लगे हैं।