महाराष्ट्र में सियासी उठापटक एकबार फिर से शुरु हो गई है, पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना से किसी तरह की दुश्मनी से इंंकार किया। एकबार फिर से शिवसेना से गठबंधन को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा- शिवसेना के दुश्मन नहीं हैं हमारे और उनके बीच मतभेद हो सकते हैं। देवेंद्र ने कहा- राजनीति में किंतु-परंतु की कोई जगह नहीं होती, जब गठबंधन टूटा तो हालात दूसरे थे लेकिन अब हालात पहले जैसे नहीं रहे।
महाराष्ट्र में भाजपा के कई नेता भी शिवसेना के साथ गठबंधन की बात कर चुके हैं ऐसे में महाअघाड़ी दल में थोड़ी सी भी उठापटक सरकार का स्वरूप बदल सकती है। महाराष्ट्र सरकार में सबकुछ सही होता नजर नहीं आ रहा है, एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी इस वक्त सक्रिय हैं वहीं कांग्रेस अलग चुनाव लड़ने की बात कर चुकी है।
वैसे भी देवेंद्र फडणवीस से पहले शिवसेना के कुछ नेता भी दबी जुबान में फिर बीजेपी से गठबंधन की बात कर चुके हैं। कुछ समय पहले सीएम उद्धव ठाकरे की भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई थी। मुलाकात के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी प्रधानमंत्री की जमकर तारीफ कर दी थी और बीजेपी की सफलता का क्रेडिट भी उन्हें दे दिया। ऐसे में यूं तारीफ करने वाले बयान देना, सीएम की पीएम से मुलाकात होना और अब फडणवीस का ये कहना कि शिवसेना उनकी दुश्मन नहीं, कई तरह के राजनीतिक संदेश दे रहा है।
अब इस तरह के तमाम बयान एक तरफ शिवसेना को फिर बीजेपी के करीब ला सकते हैं तो वहीं महा विकास अघाड़ी के लिए नई चुनौती खड़ी कर सकते हैं। कुछ समय से एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी काफी सक्रिय हो गए हैं। उनकी भी लगातार दूसरे दल के नेताओं संग अहम बैठकें हो रही हैं। दूसरी तरफ महाराष्ट्र में कांग्रेस भी फिर अकेले चुनाव लड़ने का दम भर रही है. ऐसे में महाराष्ट्र की राजनीति में अनिश्चितताओं का खेल जारी है जहां पर कब क्या हो जाए, ये बता पाना मुश्किल साबित हो रहा है।