सिन्हा ने साफ शब्दों में कह दिया है कि विधानसभा में उन्हीं विधायको को प्रवेश की अनुमति मिलेगी, जिन्होंने टीका लगवाया है। विजय सिन्हा ने कहा- जो विधायक अपने क्षेत्र में 80 फीसद से ज्यादा लोगों को टीके लगवा देंगे, उन्हें सम्मानित किया जाएगा। दरअसल बिहार में कुछ ही दिनों में मानसून सत्र शुरू हो सकता है, ऐसे में दिक्कत प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी और तेज प्रताप यादव को हो सकती है।
तेजस्वी यादव ने कहा है कि वो वैक्सीन लेने वाले अंतिम व्यक्ति होंगे, उनका कहना है कि पहले आम जनता का वैक्सीनेशन हो जाए। स्पीकर विजय सिन्हा ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए टीका ही सर्वोत्तम सुरक्षा कवच है, जन-प्रतिनिधि होने के कारण हमारी जिम्मेदारी बढ़ जाती है, विधायकों का आम लोगों से सरोकार रहता है, जन-प्रतिनिधियों, राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक कार्यकर्ताओं द्वारा टीका लगाने के लिए जनता को उत्साहित करने पर समाज में सकारात्मक संदेश जाएगा।
स्पीकर विजय सिन्हा ने कहा कि कोरोना वायरस लगातार स्वरूप बदल कर अबूझ पहेली बना हुआ है, तीसरी लहर की संभावना बनी हुई है, हमें सजग और सावधान रहकर इस अदृश्य वायरस का मुकाबला करना होगा और अनमोल जीवन को सुरक्षित रखना होगा।
विधानसभा अध्यक्ष के फरमान के बाद अब सवाल यह है कि क्या बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई तेज प्रताप को विधानसभा में इंट्री मिलेगी या नहीं। बताया जा रहा है कि अभी तक न तो लालू प्रसाद और न ही उनके परिवार के किसी सदस्य ने कोरोना वैक्सीन लिया है। तेजस्वी यादव या तेज प्रताप ने वैक्सीन लिया है या नहीं, इस संबंध में न तो कोई तस्वीर सामने आई है और न ही पार्टी की तरफ से भी इस संबंध में कोई जानकारी दी गई है। जिससे यह पता चल सके कि दोनों ने वैक्सीन लिया है या नहीं। अब सवाल यह है कि क्या बिहार के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार को लेकर विधानसभा अध्यक्ष अपने फरमान को कितना सख्ती से लागू करवा पाने में सफल होते हैं।