जैसा कि हम सब जानते हैं कि दुनिया भर में कोरोनावायरस (Coronavirus) फैल चुका है। ऐसे में इससे बचाव के लिए इम्यूनिटी सिस्टम (Immunity system) को स्ट्रांग बनाए रखना ही एकमात्र उपाय है। मजबूत प्रतिरक्षण तंत्र या इम्यून सिस्टम (Immun system) हमें न केवल कोरोनावायरस से बल्कि अन्य छोटी-बड़ी बीमारियों से भी बचाता है। प्रकृति ने हर जीवित शरीर में एक ऐसी व्यवस्था बनाई है, जो उसे नुकसानदेह जीवाणुओं, विषाणुओं, और माइक्रोब्स आदि से बचाती है इसे ही रोग प्रतिरोधक शक्ति या इम्यूनिटी कहा जाता है, जब बाहरी रोगाणु की तुलना में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity system) कमजोर पड़ती है तो इसका असर सर्दी, जुकाम, लू, खांसी, बुखार आदि के रूप में दिखता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity system) को बढ़ाने का कोई जादुई उपाय नहीं अपितु दैनिक जीवन में उचित खानपान, प्राणायाम व समुचित निद्रा का समावेश ही हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity system) को प्राकृतिक रूप से मजबूत बनाए रखता है। दैनिक आहार में कुछ पेय पदार्थों को सम्मिलित करके हम अपनी प्रतिरोधक क्षमता (Immunity system) बढ़ा सकते हैं, जो कि न केवल स्वाद से भरपूर है अपितु सेहत का भी भंडार है, जिन्हें आसानी से घर में बनाया जा सकता है और बच्चे भी इसे बहुत पसंद करते हैं।
संतरे का जूस- रोजाना सुबह संतरे का जूस पीने से हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी मिलता है इसका सेवन आप चाहे तो नाश्ते के साथ भी कर सकते हैं।
आंवले का जूस- आंवले का फल या जूस का सेवन करने पर विटामिन सी समेत कैरोटीन, जिंक, फाइबर, आयरन, विटामिन बी कांपलेक्स, एंटीऑक्सीडेंट्स, कैलशियम आदि मिलते हैं। आंवले का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है । दो संतरों के बराबर एक आंवले में विटामिन सी मौजूद होता है।
*अदरक और नींबू की चाय*- अदरक और नींबू की चाय एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन सी से भरपूर होती है इसका सेवन हमें न केवल बीमारियों से बचाता है अपितु हमारे इम्यूनिटी सिस्टम (Immunity system) को भी स्ट्रांग करता स्ट्रांग करता है।
*पालक का जूस*- पालक में विटामिन ए ,के और सी समेत पोटेशियम, कैल्शियम ,कॉपर और मैग्नीशियम मात्रा में होते है जो कि हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता या इम्यून सिस्टम (Immunity system) को मजबूत बनाने में अत्यंत ही महत्वपूर्ण होते हैं। अतः पालक के जूस का सेवन हमारी रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है।
*केले का शेक*- केले में पर्याप्त मात्रा में आयरन, मैग्नीशियम तांबा, विटामिन बी ।6, फाइबर और 75 प्रतिशत जल होता है। दूध के साथ केले का शेक बनाकर पीने से इसके पौष्टिक तत्वों में और भी वृद्धि हो जाती है जोकि हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं।
*जीरे का पानी*- जीरे में पर्याप्त मात्रा में आयरन पाया जाता है जो लाल रक्त कणिकाओं के निर्माण के लिए अत्यंत आवश्यक होता है। इतना ही नहीं जीरा एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो फ्री रेडिकल से लड़ता है और संक्रमण के खतरे को कम करता है। इसके अतिरिक्त जीरे के पानी का सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याओं जैसे अपच आदि से भी छुटकारा मिलता है । जीरे का पानी ना केवल पाचन एंजाइमों की स्राव को उत्तेजित करता है बल्कि पाचन प्रक्रिया को भी तेज करता है रोजाना जीरे का पानी पीने से शरीर तरोताजा रहता है और शरीर का तापमान ठंडा रहता है, जीरे का पानी ना सिर्फ निर्जलीकरण को रोकता है बल्कि वॉटर रिटेंशन की समस्या को भी दूर करता है जीरे में उच्च मात्रा में पोटेशियम पाया जाता है जो शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।
*दही या लस्सी*- दही में विभिन्न प्रकार के विभिन्न प्रकार के लाभकारी बैक्टीरिया होते हैं जो हमारी आंतो को स्वस्थ रखते हैं और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं । दही में पाया जाने वाला ‘प्रोबायोटिक’ वायरस और जीवाणुओं से लड़ने में हमारी मदद करता है।
*खरबूजे का रस*- खरबूजा एक मौसमी फल है जो गर्मियों के दिनों में आता है । खरबूजे में पोषक तत्वों के साथ-साथ पानी की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है। यह गर्मी में अधिक प्यास लगने की समस्या को भी दूर करता है और शरीर में पानी के स्तर को बनाए रखता है। खरबूजे में विटामिन सी की अधिकता पाई जाती है जो बहुत ही प्रभावशाली एंटीऑक्सीडेंट है यह हमारी इम्यून सिस्टम( प्रतिरक्षी तंत्र) (Immunity system) को मजबूत बनाता है और बीमारियों से लड़ने में हमारी मदद करता है।
*ग्रीन टी*- हिंदी में पॉलीफेनॉल नाम का शक्तिशाली
एंटीऑक्सीडेंट होता है जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में हमारी मदद करता है। ग्रीन टी में पाया जाने वाला कैटेचिन जो एक प्रकार का रासायनिक योगिक है, फ्लू वायरस के विरुद्ध हमारी मदद करता है। ग्रीन टी में शहद मिलाने से ग्रीन टी का स्वाद और शक्ति दोनों बढ़ जाती है।
*हल्दी वाला दूध*- हल्दी वाला दूध औषधीय गुणों से युक्त होता है।हल्दी के एंटीबायोटिक गुण और दूध में उपस्थित कैल्शियम जब दोनों साथ में मिलते हैं तो हल्दी वाले दूध के गुण और भी बढ़ जाते हैं पाउडर की जगह कच्ची हल्दी का प्रयोग करना ज्यादा लाभकारी होता है।