मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया है। किसान अब किसी भी क्रय केंद्र पर जाकर अपना गेहूं बेच सकेंगे। नए आदेश में बताया गया है कि मंडी स्थल के बाहर स्थापित क्रय केंद्रों से राजस्व ग्रामों के संबद्धीकरण की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के निर्देश पर अपर आयुक्त खाद्य व रसद विभाग ने किसी भी क्रय केंद्र पर किसान के गेहूं बेचने के संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। इस नए आदेश में बताया गया है कि मंडी स्थल के बाहर स्थापित क्रय केंद्रों से राजस्व ग्रामों के संबद्धीकरण की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है।
हालांकि पूर्व में राजस्व ग्रामों के संबद्धीकरण की अनिवार्यता वाले आदेश में भी इस बात का ख्याल रखा गया था कि किसानों को अपना गेहूं बेचने के लिए अधिक दूरी न तय करनी पड़े। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते किसानों को और सहूलियत देने के लिए नई व्यवस्था बनाई गई है। इससे किसान को जनपद के किसी भी क्रय केंद्र पर जाकर सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य पर (1975 रुपये प्रति क्विंटल) गेहूं बेचने की छूट मिल गई है। मंडी स्थल पर किसान पहले की तरह अपना गेहूं बेचने को स्वतंत्र रहेंगे।
दूसरे जिले के क्रय केंद्र पर भी किसान बेच सकेंगे गेहूं
अपर आयुक्त खाद्य व रसद विभाग के आदेश के मुताबिक किसान अपने गांव के समीप दूसरे जनपद के क्रय केंद्र पर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं बेच सकेंगे। इसके लिए जिला खरीद अधिकारी दूसरे जिले के खरीद अधिकारी से विचार विमर्श कर किसान को अनुमति प्रदान करेंगे. आदेश में यह भी स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि किसी भी परिस्थिति में कोई भी क्रय केंद्र बंद नहीं किया जाएगा।
किसी जनसेवा केंद्र पर करा सकते पंजीकरण
गेहूं बेचने के लिए किसी किसान का अब तक पंजीकरण नहीं हो सका है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। किसान अभी भी किसी जनसेवा केंद्र पर पंजीकरण करा सकते हैं। यह भी संभव न हो, तो वह अपने खेती और बैंक खाते से सम्बंधित दस्तावेज क्रय केंद्र पर ले जाकर भी पंजीकरण करा सकते हैं।