कोमा में चली गई है सरकार
कांग्रेस (Congress) प्रवक्ता ने सरकार की नीतियों पर हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) का निर्देश कि मरीजों को व्यक्तिगत ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं दिए जाएंगे, यह घोर निंदनीय है। यह अमानवीय व मरीजों को मौत के मुंह में धकेलने का सरकारी फरमान है।
उन्होंने कहा कि संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए सरकारी व गैर सरकारी कोविड अस्पतालों में बेड नहीं है, न ही वेंटिलेटर है, न आईसीयू है और न ही जीवन रक्षक ऑक्सीजन सिलेंडर है। ऐसे में संक्रमित मरीज जो घरों पर रहकर निजी खर्चे पर इलाज करा रहे हैं, उन्हें छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर देने पर रोक लगाना नागरिकों के जीवन की सुरक्षा के संविधान प्रदत्त अधिकार को समाप्त करना है। ऐसा निर्देश उसे मौत को गले लगाने को विवश करने वाला है, जिसे सभ्य लोकतांत्रिक समाज व व्यक्ति के इलाज के लिए स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
अशोक सिंह (Ashok Singh) ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में सरकार ने घोर लापरवाही बरती, जबकि वैज्ञानिक और विशेषज्ञ चिकित्सक पिछले वर्ष से ही दूसरी लहर के कहर की चेतावनी दे रहे थे। उसके बाद भी सरकार की डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ के साथ अतिआवश्यक बुनियादी सुविधाएं जुटाने में गंभीर नहीं रही। अब जब संक्रमण निरंतर भयावहता के साथ मानव जीवन के लिए खतरा बन गया, तो उसमें सरकार की संवेदनहीन रणनीतियां आग में घी डालने का काम कर रही हैं।
सरकार की लापरवाही ही मौत की जिम्मेदार
उन्होंने कहा कि राज्य में सरकार की लापरवाही ही संक्रमण से हो रही मौतों के लिए सीधे जिम्मेदार है। सरकार इस भयावह संक्रमण काल में युद्ध स्तर पर इस महामारी से लड़ने और रोकने के बजाय कोमा में चली गई है। प्रवक्ता ने मांग की है कि सरकार हालात की भयावहता को देखते हुए बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर, आईसीयू, दवाओं को सुगमता से उपलब्ध कराने के साथ रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ सैनिटाइजर, पीपीपी किट आदि की काला बाजारी पर तत्काल रोक लगाए।