लखनऊ। पंचायत चुनाव (UP Panchayat Election) का तीसरा चरण 26 अप्रैल को है। इसके लिए मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण कर्मचारी खौफ में हैं। अधिकतर जिलों में कर्मचारियों ने चुनाव से ड्यूटी कटवाने के लिए प्रार्थना पत्र दिए हैं। कुछ कर्मचारियों ने खुद को बीमार बताया है जबकि कुछ ने अपने परिजनों को संक्रमित बताते हुए ड्यूटी से छूट मांगी है। उधर, कर्मचारी संगठन पदाधिकारियों का कहना है कि चुनाव स्थगित किए जाएं क्योंकि चुनाव ड्यूटी में कोविड प्रोटोकॉल का कोई पालन नहीं हो रहा है और कर्मचारियों की जान खतरे में है।
प्रदेश के 20 जिलों में 26 अप्रैल को चुनाव होना है। इसके लिए तैयारियां प्रशासनिक स्तर पर जोर शोर से हो रही हैं। परेशानी यह है कि प्रशासन को इस समय पोलिंग पार्टियों को पूरा करना मुश्किल हो रहा है। चुनाव ड्यूटी में तैनात काफी कर्मचारी पत्र दे रहे हैं कि उन्हें चुनाव ड्यूटी से मुक्त किया जाए। कर्मचारी संगठनों का दावा है कि कर्मचारी इस समय खतरे में हैं। वे बीमार हैं और ऐसे समय में चुनाव कराना तर्कसंगत नहीं है।
कोविड में भी ड्यूटी, चुनाव में भी
कई जिलों में कर्मचारियों ने यह शिकायत की है कि जिन स्टाफ नर्सों की ड्यूटी कोविड-19 में है उनकी चुनाव में ड्यूटी भी लगा दी गई है। कन्नौज में 2 स्टाफ नर्सों की ड्यूटी चुनाव में भी लगाने का मामला सामने आया है, इसे लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की गई।