इस पुल से 24 घंटे भारी संख्या में लोग गुजरते हैं, जिससे सैकड़ों लोगों की जान सांसत में थी। पुल की 4 कोठी कमजोर बताई गई है, जिससे हड़कंप मच गया है। शुक्रवार को राज्य सेतु निर्माण विभाग परियोजना प्रबंधक, लोक निर्माण विभाग कानपुर और उन्नाव की तीन सदस्यीय टीम ने कोठी मे आई दरार का बारीकी से निरीक्षण किया था। रात 12 बजे डीएम कानपुर ने मामले का संज्ञान लेते हुए पुल पर आवागमन को अग्रिम आदेश तक बंद करा दिया।
ब्रिटिश सरकार में बना था पुल
उन्नाव-कानपुर की लाइफलाइन कहे जाने वाले गंगा नदी पर बने इस पुल को 146 साल पहले अंग्रेजों ने बनवाया था। पुल के ऊपरी हिस्से से हल्के चौपहिया वाहन और बाइक सवारों के गुजरने की व्यवस्था है, जबकि निचले हिस्से पर पैदल और साइकिल सवार को गुजरने की व्यवस्था है।
कोठी संख्या 10 में आई दरार
कानपुर की तरफ से पुल की कोठी संख्या 10 में बड़ी दरार आई है। मीडिया में खबर आने के बाद पुल की कोठी संख्या 10 में आईं दरार की जांच करने सोमवार एसडीएम सदर उन्नाव सत्यप्रिय सिंह की अगुवाई में तीन सदस्यीय टीम, राज्य सेतु निर्माण विभाग परियोजना प्रबंधक व कानपुर पीडब्ल्यूडी की चार सदस्यीय टीम पहुंची।
अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड कानपुर मुकेश चंद्र शर्मा ने बताया कि कानपुर से शुक्लागंज की ओर चलने पर कोठी नंबर 2, कोठी नंबर 10, कोठी नंबर 17 और कोठी नंबर 22 में दरारें हो चुकी हैं, जिसमें दस नंबर कोठी ज्यादा डैमेज हो चुकी है। पुल की मियाद लगभग 45 साल पहले ही पूरी हो चुकी है।
IIT से कराया जाएगा परीक्षण
अब गंगापुल की सभी 24 कोठियों का परीक्षण IIT जैसे संस्थान के इंजीनियर्स से कराया जाएगा, जिससे कोठियों की स्ट्रेंथ का पता लग सकेगा। वहीं जांच टीम ने देर शाम मामले की जांच रिपोर्ट डीएम कानपुर को भेजी। जांच टीम ने बताया कि पुल की उम्र करीब 146 साल हो चुकी है, जिससे कि पुल की डिज़ाइन की अवधि भी समाप्त हो गई है। दरार आने से गंगा पुल की मजबूती में काफी कमी आईं है।
पुल पर आवाजाही बंद
जांच टीम की रिपोर्ट के बाद डीएम कानपुर आलोक तिवारी ने रात करीब 12 बजे पुल से आवागमन को पूरी तरीके से बंद करा दिया। सदर एसडीएम सत्यप्रिय सिंह ने पुलिस के साथ मौके पर जाकर पुल को सील कराने के साथ ही पुलिस की तैनाती की। अब नए गंगा पुल, गंगा बैराज मार्ग और लखनऊ-कानपुर हाईवे पर जाजमऊ गंगा पुल से लोग सफर तय कर सकेंगे।