नई दिल्ली। भारत और चीन (India China) ने 10वें दौर की सैन्य वार्ता के बाद एक संयुक्त बयान में कहा था कि पैंगोंग झील क्षेत्र से सैन्य वापसी, LAC पर अन्य मुद्दों के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारत और चीन (India China) के बीच कोर कमांडर स्तर की 11वें दौर की बातचीत पूर्वी लद्दाख में शुक्रवार को होने वाली है। पैंगोंग लेक इलाके में डिसइंगेजमेंट के बाद हुई बैठक में भी भारत ने टकराव वाले सभी इलाकों से सैनिकों को हटाए जाने के मुद्दे पर जोर दिया था। दोनों देशों के बीच इस बैठक में गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और डेपसांग इलाके से सैनिकों की जल्द वापसी पर बातचीत की जाएगी. 10वें दौर की कमांडर स्तर की बातचीत में भी LAC पर अन्य मुद्दों के समाधान के लिए हामी भरी गई है।
आर्मी सूत्रों के हवाले से बताया है, “पूर्वी लद्दाख के चुशुल में भारत और चीन (India China) की सेना के बीच 11वें दौर की कोर कमांडर स्तर की बातचीत की जाएगी। यह बैठक शुक्रवार सुबह 10:30 बजे होगी, जिसमें एलएसी के अन्य टकराव वाले इलाकों को लेकर बातचीत की जाएगी।” पूर्वी लद्दाख में पिछले साल मई से चल रहा तनाव कई दौर की बातचीत के बाद फरवरी में खत्म हुआ था और दोनों देशों ने डिसइंगेजमेंट के तहत सैनिकों को पैंगोंग लेक इलाके में फॉरवर्ड इलाके से वापस बुलाया था।
पिछली सैन्य बातचीत का साझा बयान
भारत और चीन (India China) ने 10वें दौर की सैन्य वार्ता के बाद एक संयुक्त बयान में कहा था कि पैंगोंग झील क्षेत्र से सैन्य वापसी, LAC पर अन्य मुद्दों के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस बातचीत में भी भारत ने तनाव कम करने के लिए हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और डेपसांग क्षेत्रों से सैनिकों की जल्द वापसी पर जोर दिया था। 16 घंटे तक चली 10वें दौर की बातचीत के बाद बयान में कहा गया था कि पैंगोंग इलाके से सैनिकों की वापसी ने बातचीत के नए रास्ते खोले हैं।
क्या हुआ LAC डिसइंगेजमेंट समझौते में
डिसइंगेजमेंट समझौते के तहत, चीन अपनी सेना की टुकड़ियों को पैंगोंग लेक के नॉर्थ बैंक में फिंगर-8 के पूरब की दिशा की तरफ ले गया और इसी तरह भारत भी अपने सेना की टुकड़ियों को फिंगर-3 के पास अपने परमानेंट बेस धन सिंह राणा पोस्ट पर ले आया था। पैंगोंग लेक के किनारे पहाड़ की आकृति कुछ इस तरह से है कि ये अंगुलियों की तरह दिखती है और इसीलिए इन्हें फिंगर कहा जाता है. इनकी संख्या आठ है।
भारत और चीन (India China) की सेनाओं के बीच पिछले साल 5 मई को पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध शुरू हुआ था। दोनों देशों के बीच पैंगोंग झील वाले इलाके में हिंसक झड़प हुई और इसके बाद दोनों देशों ने कई स्थानों पर हथियारों के साथ हजारों सैनिकों की तैनाती कर दी। 15 जून को गलवान घाटी में झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। झड़प के 8 महीने बाद चीन ने स्वीकार किया कि झड़प में उसके 4 सैन्यकर्मी मारे गए थे।