कोलकाता। एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi)
ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ‘गोत्र’ वाले बयान पर तगड़ा पलटवार किया है।
ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ‘गोत्र’ वाले बयान पर तगड़ा पलटवार किया है।
ओवैसी(Asaduddin Owaisi) ने पूछा कि जो जनेऊधारी नहीं हैं, उनका क्या? दीदी के बयान पर टिप्पणी करते हुए एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख ने लिखा, ‘जो लोग शांडिल्य या जनेऊधारी नहीं हैं, किसी भगवान के भक्त नहीं हैं या फिर कोई पाठ या चालीसा नहीं करते हैं, उनका क्या?
ओवैसी (Asaduddin Owaisi)ने आगे कहा कि सभी पार्टी को लगता है कि उसे जीतने के लिए खुद को हिंदू दिखाना जरूरी है। ये नियमों के खिलाफ है, अपमानजनक है और सफल होने वाला नहीं है।
नंदीग्राम में चुनाव प्रचार खत्म होने के ठीक पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी(Mamta Banerjee) को अपना गोत्र बताने की क्या मजबूरी थी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। लेकिन, उन्होंने ऐसा करके चुनाव से पहले एक बड़ा सियासी विवाद खड़ा कर दिया है।
भाजपा तो उनके इस अचानक के गोत्र प्रेम पर हमले कर ही रही है, हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) को भी उनका यह नया चुनावी हिंदुत्व प्रेम रास नहीं आ रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि सभी पार्टियां जिस तरह से हिंदुत्व की ओर भाग रही हैं, वह सिद्धांतहीन है अपमानजनक है और इसका उन्हें फायदा नहीं मिलने वाला। इससे पहले भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी इस मुद्दे पर अपना एक्सपर्ट कमेंट दे चुके हैं।
वास्तव में मैं शांडिल्य हूं- ममता
बता दें कि ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि मैंने मंदिर का दौरा किया जहां पुजारी ने मेरा गोत्र पूछा, मैंने कहा माँ, माटी, मानुष। यह मुझे मेरी त्रिपुरा के त्रिपुरेश्वरी मंदिर की याद दिलाता है, जहां पुजारी ने मुझसे मेरा गोत्र पूछा और मैंने मां, माटी, मानुष कहा था, वास्तव में मैं शांडिल्य हूं।
ममता बनर्जी चुनाव हारने के डर से गोत्र बताती हैं- गिरिराज सिंह
उधर, ममता (Mamta Banerjee) के ‘गोत्र’ वाले बयान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि मुझे तो कभी गोत्र बताने की जरूरत नहीं पड़ी, मैं तो लिखता हूं। लेकिन ममता बनर्जी चुनाव हारने के डर से गोत्र बताती हैं। ममता बनर्जी(Mamta Banerjee) अब आप मुझे बता दीजिए कि कहीं रोहिंग्या और घुसपैठियों का गोत्र भी शांडिल्य तो नहीं है। उनका हारना तय है।