नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (WB Assembly Elections 2021) की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही है, वैसे वैसे सभी राजनीतिक दल अपने विपक्षी पार्टी पर निशाना साधने में जुटी हुई हैं। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता (Swapan Dasgupta) को बंगाल चुनाव में मैदान में उतारा है। हुगली जिले के तारकेश्वर विधानसभा सीट से भाजपा ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में भाजपा का यह फैसला अब सिरदर्द बन चुका है क्योंकि कांग्रेस ने इस मामले पर भाजपा का घेराव किया है और राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू को खत लिखकर स्पष्टीकरण मांगा है।
बंगाल चुनाव: भाजपा की आक्रामक रणनीति, नड्डा करेंगे रोड शो और 7 रैलियां
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि स्वपन दास गुप्ता ने चुनाव लड़ने से पहले राज्यसभा सदन से इस्तीफा नहीं दिया, बावजूद इसके वे पार्टी किसी राजनैतिक पार्टी में शामिल हुए हैं। वहीं टीएमसी सांसद मोहुआ मोइत्रा ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह भारतीय संविधान की 10वीं अनुसूचि का उल्लंघन है।
जयराम रमेश ने वेंकैया नायडू को लिखे खत में पूछा- राज्यसभा का एक मनोनीत सदस्य औपचारिक रूप से नामांकन के छह महीने के भीतर राजनीतिक पार्टी में शामिल नहीं हुआ है। इसके बावजूद राज्यसभा से इस्तीफा दिए बगैर क्या गैर पार्टी नामित सदस्य के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं?
जयराम रमेश ने आगे कहा कि आपके द्वारा बीते दिनों ऐसी किसी प्रकार के इस्तीफे की घोषणा नहीं की गई। बता दें कि स्वपन दासगुप्ता को अप्रैल 2016 को भारत के राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा के लिए नामित किया गया था।
महुआ मोइत्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि संविधान की 10वीं अनुसूची के मुताबिक यदि शपथ लेने के साथ कोई 6 महीने पूरे कर लेता है और उसके बाद किसी भी राजनैतिक पार्टी में शामिल होता है तो राज्यसभा सदस्य के रूप में वह अयोग्य घोषित किया जाता है। ऐसे में भाजपा में शामिल होने के लिए उन्हें अयोग्य घोषित की जानी चाहिए।