Demonstration of students

प्रयागराज : बेरोजगारी और आत्महत्याओं के खिलाफ छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन

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प्रयागराज। जिले में निरंतर बढ़ती बेरोजगारी और छात्र-छात्राओं की आत्महत्या की घटनाओं के खिलाफ दिशा छात्र संगठन ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन (Demonstration of students) किया। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने कहा कि युवा देश की भविष्य होते हैं। ऐसे में युवा बेरोजगारी के बोझ तले लगातार आत्महत्या कर रहे हैं।

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में बुधवार को दिशा छात्र संगठन और नौजवान भारत सभा की ओर विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन पर ‘छात्रों की बढ़ती आत्महत्या और रोजगार के घटते अवसर’ के मुद्दे पर प्रदर्शन (Demonstration of students) किया। इस दौरान युवाओं ने कहा कि युवा देश की भविष्य होते हैं। ऐसे में युवा बेरोजगारी के बोझ तले लगातार आत्महत्या कर रहे हैं।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रदर्शन के दौरान दिशा छात्र संगठन के अमित ने कहा कि जिला प्रशासन छात्रों-युवाओं के आन्दोलन से इतना डरता है कि छात्रों के शान्तिपूर्ण प्रदर्शन (Demonstration of students) को रोकने के लिए सुबह से ही पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन छात्रसंघ भवन पर तैनात था। अगर प्रशासन इतनी मुस्तैदी छात्रों-युवाओं के रोजगार के सवाल को लेता तो बहुत से छात्रों-युवाओं को अवसाद का शिकार होकर आत्महत्या जैसा कदम न उठाना पड़ता।

जिस साल नौकरियां ज्यादा, आत्महत्या कम

दिशा छात्र संगठन के अविनाश ने कहा कि छात्रों-युवाओं की आत्महत्या की सिलसिला लगातार बढ़ रहा है। प्रयागराज शहर में ही पिछले एक माह में कम से कम 13 युवाओं के आत्महत्या की खबरें आ चुकी हैं। एनसीआरबी की 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक एक साल में लगभग 90 हजार युवाओं ने आत्महत्या की।

आंकड़े बता रहे हैं कि जिस साल नौकरियां ज्यादा निकली हैं, उस साल आत्महत्याओं में कमी आई है। रोजगार की स्थिति यह है कि तमाम विभागों में नियमित प्रकृति के कामों को समाप्त कर ठेका, संविदा को बढ़ावा दिया जा रहा है। खाली पड़े पदों पर नई भर्तियां करने की बजाय उनकों खत्म किया जा रहा है।

लेटरल एंट्री के जरिए रोजगार छीना जा रहा है

नौजवान भारत सभा की ओर से निशु ने कहा कि सरकारी खर्च कम करने के नाम पर विभिन्न विभागों ने नए पद सृजित करने पर रोक लगाई जा चुकी है, जो थोड़ी बहुत नौकरियां बची हैं, उनमें पर्चा लीक हो जाना, धांधली-भ्रष्टाचार एक आम नियम बनता जा रहा है।

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, प्राथमिक शिक्षक, यूपीपीसीएल आदि के खाली पदों पर भर्तियां नहीं की जा रही हैं। एसएससी जैसी परीक्षाओं का परिणाम कई-कई सालों तक लम्बित रखा जा रहा है। लेटरल एंट्री के जरिए बहुत सारे नौजवानों से रोजगार का अवसर छीन कर अपने लगुओं-भगुओं को नौकरी देने की योजना तैयार कर सरकार ने भ्रष्टाचार को कानूनी जामा पहना दिया है। इसके खिलाफ आन्दोलन करने वाले छात्रों को लाठी-डण्डे, मुकदमें और जेल मिल रहे हैं. ऐसे में छात्रों-युवाओं को कमरे में बैठे रहने की बजाय सड़कों पर उतरना होगा।

भगत सिंह रोजगार गारण्टी कानून पारित किया जाए

दिशा छात्र संगठन की अंजली ने कहा कि हमारी यह मांग है कि हर काम करने योग्य नागरिक के लिए रोजगार के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया जाए। परीक्षाओं के विज्ञापन से लेकर नियुक्ति पत्र देने तक की समय-सीमा निर्धारित की जाए। प्रदेश में विभिन्न विभागों में खाली पड़े लाखों पदों को भरने की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाए। नियमित प्रकृति के कामों में ठेका प्रथा पर रोक लगायी जाए, सरकारी विभागों में नियमित काम कर रहे सभी कर्मचारियों को स्थायी किया जाए और ऐसे सभी पदों पर स्थायी भर्ती की जाए। परीक्षाओं के फॉर्म एवं यात्रा के शुल्क को निःशुल्क किया जाए। ‘भगतसिंह रोजगार गारण्टी कानून’ पारित किया जाए।

प्रदर्शन के दौरान इस गीत मंचन किया गया। ‘तोड़ो बन्धन तोड़ो’, ‘जवानियों उठो कि रास्ते तुम्हें पुकारते’ आदि क्रान्तिकारी गीत गए गए।

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