देहरादून । महंगाई को लेकर बीते कुछ दिनों से लगातार प्रदर्शन कर रही कांग्रेस के आक्रामक रूख को और धार मिल गई है। शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) ने महंगाई के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया। इस दौरान उन्होंने रस्सी से ऑटो रिक्शा खीचा। इसके बाद कंधे पर गैस सिलेंडर उठाकर महिलाओं की पीड़ा सरकार के आगे रखी।
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बढ़ती महंगाई के विरोध में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) शनिवार को सड़क पर उतरे। इस दौरान उन्होंने अनोखे अंदाज में महंगाई का विरोध किया। हरदा ने पहले राजपुर रोड स्थित कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय से गांधी पार्क तक ऑटो खींचा। इसके बाद उन्होंने प्रतीकात्मक रूप से महंगाई के बोझ तले दबी महिलाओं की आवाज को उठाने के लिए गैस सिलेंडर को कंधे पर रखकर प्रदर्शन किया। इस दौरान हरीश रावत ने कहा कि ये उनका विरोध दर्ज कराने का अपना तरीका है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) ने कहा कि सरकार ने आम आदमी के घर का बजट बिगाड़ दिया है। कई शहरों में पेट्रोल और डीजल के दाम 100 रुपए के पार चले गए हैं। केंद्र सरकार गैस सिलेंडर के दामों में बेतहाशा वृद्धि कर रही है। लोगों के अंदर यह भय है कि भाजपा सरकार गैस सिलेंडर के दाम हजार रुपए न कर दे।
उन्होंने कहा कि खाद्य तेल 145 रुपए से लेकर 155 रुपये लीटर पहुंच गया है। लगातार बढ़ रही महंगाई से आम आदमी का जीना दूभर हो गया है। महंगाई के बोझ तले दबी महिलाएं अब यह कह रही हैं कि भाजपा तेरा कैसा खेल, खा गए राशन पी गए तेल।
उन्होंने कहा कि गैस, पेट्रोल डीजल के बढ़े दामों के विरोध में यह प्रदर्शन किया गया है। कांग्रेस जनों ने ऑटो को कंधों से खींचकर प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने सरकार को महसूस कराने की कोशिश की है कि पेट्रोल-डीजल के बढ़े दाम अब असहनीय हो गए हैं। यदि गैस सिलेंडर के दाम 3 महीने पुराने दामों पर नहीं आए तो यह आंदोलन निरंतर जारी रहेगा. वे आगे भी इस तरह का प्रदर्शन करेंगे।
बागेश्वर में भी महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
पूर्व दर्जाधारी राज्यमंत्री राजेंद्र टंगड़िया ने नेतृत्व में कांग्रेसियों ने बागेश्वर में महंगाई का विरोध किया है। इस दौरान राजेंद्र टंगड़िया ने कहा कि पेट्रोल-डीजल और गैस सिलेंडर के दाम आसमान छू रहे हैं। लोगों का जीना मुहाल हो गया है। लोग अब सिलेंडर की जगह फिर से लकड़ी से खाना पकाने को मजबूर हो गए हैं। ये सरकार गरीबी नहीं गरीबों को हटाने का काम कर रही है। देश की गरीब जनता से इनका कोई लेना-देना नहीं है। ये बस बड़े उद्योगपतियों के लिए काम कर रहे हैं।