कृष्णानगर के अलीनगर सुनहरा में खेत से रास्ता न देने पर लखनऊ जीआरपी में तैनात सिपाही ने अपने साथियों के साथ किसान की पिटाई की। विरोध करने पर उसकी पत्नी को भी पीटा। इसके बाद उसे पीआरवी के मदद से थाने भिजवाया। फिर, हवालात में उसके ऊपर कहर ढहाया गया। यहीं नहीं सिपाही की शह पर किसान के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। मुचलके पर छूटे किसान ने पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर से न्याय की गुहार लगाई। उनके निर्देश पर एसीपी कृष्णानगर ने पड़ताल की। दोषी पाए जाने पर कृष्णानगर पुलिस ने जीआरपी में तैनात सिपाही पर मुकदमा दर्ज किया।
अलीनगर सुनहरा निवासी पप्पू और उसका भाई मोनू किसान हैं। पप्पू के मुताबिक घर के पास में ही उनका खेत है।
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जहां वह कई दिनों से मंदिर का निर्माण करा रहे थे। उन्होंने बताया कि 15 फरवरी की रात वह खेत के मंदिर पर थे। इसी बीच पड़ोस में रहने वाले और लखनऊ जीआरपी में तैनात सिपाही रंजन प्रताप सिंह अपने कई साथियों के साथ पहुंचा। रंजन का प्लाट भी खेत के ही बगल में है। आरोप है कि रंजन खेत की नपाई करने लगे और उन्होंने वहां से रास्ता निकालने के लिए कहा। विरोध करने पर रंजन जिद पर अड़ गया और कहा कि वह खेत के बीच से ही रास्ता निकालेगा। मना करनेे पर रंजन और उसके साथियों ने उनके ऊपर हमला बोल दिया। शोर शराबा सुनकर मोनू की पत्नी मौके पर पहुंची। इस पर हमलावरों ने उन्हें भी पीटा। इसके बाद सिपाही रंजन ने कंट्रोल रूम को सूचना दी। सूचना पर पीआरवी पहुंची। भाई मोनू को लेकर कृष्णानगर थाने गई। थाने में सिपाही रंजन की शह पर कई पुलिस कर्मियों ने हवालात में बंद कर लात-घूसों से बेरहमी से पीटा। इसके बाद मोनू, पप्पू समेत तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। अगले दिन पुलिस ने उन्हें मुचलके छोड़ दिया।