पुलिस लाइन में लगे विभिन्न स्टालों का किया निरीक्षण
आनंदी बेन पटेल के सभी कार्यक्रम पुलिस लाइन में रखे गए थे। सबसे पहले उन्होंने पुलिस लाइन में ही लगे विभिन्न स्टालों का निरीक्षण किया। इन स्टालों में महिला स्वयं सहायता समूह ने, ‘वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट’ के तहत आने वाली हींग, शाक भाजी, बागवानी तथा स्वास्थ्य विभाग के स्टॉल लगाए गए थे।
पूछा कि क्या हाथरस की हींग गुजरात भी जाती है
वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट के तहत आने वाली हींग के काउंटर पर उन्होंने पूछा कि यह क्यों मशहूर है। साथ ही यह भी पूछा कि क्या हाथरस की हींग गुजरात भी जाती है। इस पर उन्हें बताया गया कि हाथरस की हींग गुजरात के कई जिलों में जाती है।
बागवानी के काउंटर पर चखा बेर
बागवानी के काउंटर पर पहुंचकर राज्यपाल ने ऑर्गेनिक रूप से तैयार किए गए बेर को देखा। उसे देखने के बाद उसे खाने से अपने आप को नहीं पाईं और उन्हें थाईलैंड के वनसुंदरी बेर की तारीफ की।
दिव्यांगों को ट्राई साइकिल, श्रमिकों की बेटियों को साइकिल सौंपी
दिव्यांग महिलाओं को ट्राई साइकिल की चाबी सौंपते हुए उन्होंने पूछा कि वह इसका क्या करेंगी। उन्होंने यह भी जानकारी ली कि इनमें से क्या महिलाएं कामकाजी भी हैं। एक महिला ने उन्हें बताया कि वह परचून की दुकान चलाती हैं। राज्यपाल ने श्रमिकों की बेटियों को साइकिल की चाबी भी सौंपी। राज्यपाल ने स्वास्थ्य विभाग के स्टॉल पर भी विभाग की योजनाओं के बारे में पूछताछ की।
स्वयं सहायता समूह चलाने वाली गुंजन अग्रवाल ने बताया कि उनसे राज्यपाल ने पूछा था कि वह किस स्तर पर काम करती हैं। उन्होंने बताया कि वह बुटीक का काम करती हैं। उनके समूह में 10 महिला हैं, सब मिलकर काम करते हैं और वे इसे आगे बढ़ाना चाहती हैं हाथरस के हींग निर्माता राजेश कुमार ने बताया राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उनसे जानकारी हासिल की हाथरस की हींग क्यों मशहूर है और यह भी पूछा कि क्या यह की हींग गुजरात भेजी जाती है। वहीं, हाथरस के गांव लाडपुर में बागवानी करने वाले योगेश चौधरी ने बताया की राज्यपाल उनके काउंटर पर आईं थीं और वह थाईलैंड का वनसुंदरी बेर खाया था।