लिखावट से करें स्वभाव की पहचान

62 0

इंसान की लिखावट (Handwriting) उसके स्वभाव के बारे में बहुत कुछ कहती है. ये सुनने में कुछ अटपटा लग सकता है। इसे कुछ लोग बस कहने की बात भी कह सकते हैं लेकिन हम आपको बता दें कि साइकोलॉजी एक मनोविज्ञान है, जो इंसान के व्यवहार और उसकी प्रतिक्रियाओं के जरिए उसकी व्याख्या करता है। इसके जरिए किसी इंसान को समझा भी जा सकता है। दरअसल, अमेरिका की मैग्जीन Reader’s Digest में एक्स्पर्ट्स के मुताबिक, लिखावट को स्वभाव से जोड़कर उसकी व्याख्या की गई।

लफ्ज़ों के बीच कितना स्पेस:

जो लोग दो शब्दों के बीच ज्यादा स्पेस देते हैं, वो आजादी पंसद करने वाले लोग होते हैं। वहीं, जो लोग शब्दों में कम स्पेस रखते हैं, वो लोगों का साथ पसंद करते हैं। इसके अलावा अगर कोई शब्दों को बहुत ज्यादा मिलाकर लिखता है तो वो शख्स लोगों की जिंदगी में बहुत ज्यादा घुसने वाला और भीड़ पसंद हो सकता है।

छोटा या बड़ा, किस आकार में लिखते हैं आप:

लोगों के लिखने का आकार उसके व्यक्तित्व के बारे में काफी कुछ कहता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि सोशल लोग बड़े आकार में लिखते हैं। वहीं, शर्मीले और इंट्रोवर्ट लोग छोटे आकार में लिखते हैं। अगर मध्यम आकार की लिखावट की बात की जाए तो, ऐसे लोग की ध्यान केंद्रित करने और मजबूत क्षमता वाले होते हैं।

लिखते वक्त पेन पर कितना प्रैशर डालते हैं:

लिखते वक्त पेन पर बहुत ज्यादा प्रैशर डालकर लिखना गुस्से और टेंशन को दिखाता है। जबकि कम प्रैशर डालने वाले लोग सहानुभूतिपूर्ण और संवेदनशील हो सकते हैं, इनकी जिंदगी में शक्ति की कमी भी हो सकती है। इसके अलावा, मध्यम से भारी दबाव होना प्रतिबद्धता की ओर इशारा करता ।

अक्षरों में कितना स्पेस:

अगर आप लिखते वक्त अपने अक्षरों को जोड़कर लिखते हैं तो ये कहा जा सकता है कि आप तर्क को महत्व देते हैं और ज्यादातर फैसले तथ्यों और अनुभव के आधार पर लेते हैं। इससे अलग अगर आपके अक्षरों में स्पेस होता है तो आप अधिक कल्पनाशील या आवेगी हो सकते हैं और अपने निर्णयों को अंतर्ज्ञान के आधार पर लेते हैं, यानि तर्क के बिना अपने मनोभाव से लिया गया फैसला।

बाईं या दाईं तरफ तिरछी लिखावट:

कई लोगों की लिखावट तिरछी होती है। यानि वो दाईं से बाईं या बाई से दाईं तरफ तिरछी होती है। दरअसल, दाईं तरफ तिरछी लिखावट ये बताती है कि आप नए लोगों से मिलना और उनके साथ काम करना पसंद करते हैं, जबकि बाईं तरफ तिरछे होने का मतलब है कि आप खुद को पसंद करते हैं और खुद के साथ रहना चाहते हैं। ये लोग रिजर्व नेचर वाले और खुद को पढ़ने वाले हो सकते हैं।

लिखने की रफ्तार: 

यदि आप तेज लिखते हैं, तो इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि आप बेसब्री वाला व्यवहार रखते  हैं और समय बर्बाद करना पसंद नहीं करते हैं। वहीं, अगर आप लिखने में समय लगाते हैं तो आप आत्मनिर्भर और व्यवस्थित हैं।

Related Post

कोरोना योद्धा सोनू गुर्जर

राजस्थान : कोरोना योद्धा सोनू ने मास्क बनाकर मुफ्त में गांव वालों को बांटा

Posted by - April 15, 2020 0
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी से डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों की फौज तो लड़ रही है। तो ऐसे भी कोरोना…
कपालभाति प्राणायाम

कपालभाति प्राणायाम : वजन कम करने के साथ ही बालों की समस्याओं से दिलाता है मुक्ति

Posted by - July 17, 2020 0
नई दिल्ली। आजकल ज्यादातर लोग अपना वजन कम करने के लिए डाइटिंग या फिर जिम ज्वाइन कर लेते हैं, लेकिन…