नई दिल्ली. जनवरी 2004 में नेशनल पेंशन सिस्टम को केंद्र सरकार ने सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए ही शुरू किया था। 2009 में नेशनल पेंशन सिस्टम को हर नागरिक को निवेश की छूट दे दी गयी है। इस स्कीम में लोग अपनी भविष्य की जरूरतों के हिसाब से अलग -अलग फंड में निवेश कर सकते है।
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एनपीएस के तहत सब्सक्राइबर्स इक्विटी,सरकारी सिक्यूरिटीज,कॉरपोरेट डेट और अल्टरनेटिव इंवेस्टमेंट फंड में निवेश कर सकते हैं। एनपीएस सब्सक्राइबर को सबसे पहले एक पेंशन फंड मैनेजर का चुनाव करना होता है। इसके बाद वह खुद अपने निवेश विकल्प को चुन सकता है। एक सब्सक्राइबर निवेश के लिए एक्टिव या ऑटो ऑप्शन में भी चुनाव कर सकता है। एनपीएस सब्सक्राइबर को कुछ शर्तों के साथ पेंशन फंड मैनेजर को बदलने की अनुमति भी देता है।
केंद्र सरकार की योजना के तहत देश की सबसे बड़ी पेंशन स्कीम एसबीआई पेंशन फंड ने पिछले 5 साल में निवेश पर 9.93 फीसदी का शानदार रिटर्न दिया है। जो किसी भी फिक्स्ड डिपॉजिट से कहीं ज्यादा है।
सरकारी सब्सक्राइबर्स को 1 अप्रैल 2019 से पेंशन फंड और इंवेस्टमेंट पैटर्न के विकल्पों में से अपने लिए बेहतर का चुनाव करने की छूट दी गई थी। अगर सब्सक्राइबर विकल्प नहीं चुनता है तो उसका एनपीएस सहयोग एलआईसी पेंशन फंड लिमिटेड,एसबीआई पेंशन फंड्स प्राइवेट लिमिटेड और यूटीआई रिटायरमेंट सॉल्यूशंस लिमिटेड में निवेश किया जाता है।
टीयर-2 इक्विटी एनपीएस फंड की बात की जाए तो पिछले पांच व तीन साल में एचडीएफसी पेंशन फंड और कोटक पेंशन फंड ने अपने सब्सक्राइबर्स को सबसे ज्यादा मुनाफा कमाकर दिया है। इस कैटेगरी में एचडीएफसी के पास सबसे ज्यादा 149 करोड़ रुपये मूल्य की असेट्स अंडर मैनेजमेंट हैं। यह अकाउंट जो जरूरत के समय सब्सक्राइबर को आर्थिक मदद करता है।