नई दिल्ली। प्रख्यात गजल गायिका एवं बेगम अख्तर की शिष्या शांति हीरानंद का आज हरियाणा के गुरुग्राम में एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 87 वर्ष की थीं।
शांति हीरानंद को अपनी ग़ज़ल गायिकी के लिए 2007 में पद्मश्री से भी नवाजा गया था
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जन्मी एवं म्यूजिक कॉलेज से पढ़ी शांति हीरानंद को अपनी ग़ज़ल गायिकी के लिए 2007 में पद्मश्री से भी नवाजा गया था। उन्होंने बेगम अख्तर पर अंग्रेजी में एक किताब भी लिखी थी। कल रात उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां आज तड़के उन्होंने अंतिम सांस ली।
मां तुझे सलाम : लॉकडाउन में 1400 किलोमीटर दूर फंसे बेटे को स्कूटी ले आई मां
शांति हीरानंद के निधन से देश में गजल गायिकी का एक बड़ा स्तम्भ ढह गया
उन्होंने 1947 में लाहौर रेडियो से अपना पहला गाना गया था। वह दादरा, ठुमरी की भी उस्ताद थीं और बेगम अख्तर की सबसे प्रिय शिष्या थीं। उन्होंने बेगम अख्तर की गायिकी की विरासत को संभाला था। उनके निधन से देश में गजल गायिकी का एक बड़ा स्तम्भ ढह गया। दुनिया के कई शहरों में उनके शो हुए थे।