नई दिल्ली। आईआईटी गुवाहाटी ने कोरोना से लड़ने के लिए एक ऐसी सस्ती मशीन तैयार की है, जिसके जरिये इलाकों को ‘संक्रमण मुक्त’ किया जा सकेगा। इसके अलावा उसने एक वॉटर प्रूफ व्यक्तिगत सुरक्षात्मक उपकरण (पीपीई) बनाने के लिए भी कारगर सामग्री भी तैयार की है ।
आईआईटी गुवाहाटी के निदेशक प्रोफेसर टी जी सीताराम ने किया खुलासा
यह जानकारी संस्थान के निदेशक प्रोफेसर टी जी सीताराम ने दी है। उन्होंने बताया कि रासायनिक इंजीनिरिंग की टीम ने बेंगलुरू की एक्सेलटेक और गुवाहाटी की अल्टीमेट ऐरोकवा फ़िल्टर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के साथ मिलकर इन दोनों परियोजनाओं को अंजाम दिया है।
छोटी मशीन से घर और बड़ी मशीन से मेट्रो रेल, अस्पताल, बस आदि को संक्रममण मुक्त किया जा सकेगा
यूवीसी लेड टेक्नोलॉजी से किसी समतल सतह को एमएस दो वायरस को 186 जे डोज के साथ 90 प्रतिशत तक संक्रमण मुक्त किया जा सकता है जबकि कोरोना के लिए 36 जे डोज ही चाहिए। यह मशीन 30 सेकेंड में 400 जे डोज दवा की फुहार फेंक सकती है। इस मशीन को ऐसा बनाया गया है कि व्यक्ति के शरीर को बचाया जा सके। गैर समतल सतह के लिए एक विशेष मशीन अभी तैयार की जा रही है। छोटी मशीन से घर और बड़ी मशीन से मेट्रो रेल, अस्पताल, बस आदि को संक्रममण मुक्त किया जा सकेगा। सरकार से मंजूरी मिलते ही लॉकडाउन के दौरान इन मशीनों का उत्पादन शुरू हो जाएगा।
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आईआईटी गुवाहाटी की सामग्री की मदद से एक पीपीई प्रयोग के तौर पर बनाया गया है। इस पर एन्टी माइक्रोबियल परत चढ़ाने की संभावना का परीक्षण किया जा रहा है, जिससे कोरोना वायरस से लड़ने में यह पीपीई और सुरक्षित हो जाएगा। देश भर में फिलहाल दस लाख पीपीई किट की जरूरत है। इन कम्पनियों ने 15000 किट का ट्रायल किया है और 200 किट आईआईटी गुवाहाटी को भेजने के लिए तैयार है। ये कम्पनियां इसके अलावा पूर्वोत्तर के अस्पतालों के लिए 2000 किट भेजने को तैयार हैं।