1200 रुपये का टेस्टिंग किट

भारत की महिला वैज्ञानिक ने बनाया 1200 रुपये का टेस्टिंग किट, 30 मार्च से बाजार में आएगा

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नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस से अब तक 1,050 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं मृतकों की संख्या 25 हो गई है। देश के सभी क्षेत्रों के लोग इसके खिलाफ जंग लड़ने में अपनी-अपनी भूमिका निभा रहे हैं।

30 मार्च को टेस्टिंग किट की पहली खेप बाजार में भी उपलब्ध हो जाएगी

इसी बीच एक भारतीय महिला वैज्ञानिक मीनल दखावे भोसले ने मात्र 1200 रुपये में एक टेस्टिंग किट तैयार की है। जो विदेशी किट की तुलना में काफी सस्ती है। इसके जरिए संदिग्धों का बहुत जल्द पता चल जाएगा। सोमवार 30 मार्च को इसकी पहली खेप बाजार में भी उपलब्ध हो जाएगी। मीनल ने बीबीसी को दिए इंटरव्यू में किट तैयार करने की पूरी कहानी बताई।

1200 रुपये में तैयार हुई है टेस्टिंग किट

बता दें कि वर्तमान समय में बाजार में इस समय जो विदेशी टेस्टिंग किट मौजूद है। उसकी कीमत 4,500 रुपये है। वहीं महिला वैज्ञानिक मीनल दखावे भोसले ने जो किट तैयार की है उसकी कीमत मात्र 1200 रुपये है। उन्होंने बताया कि हमारी किट कोरोना वायरस संक्रमण की जांच ढाई घंटे में कर लेती है, जबकि विदेश से आने वाले किट से जांच में छह-सात घंटे लगते हैं। महिला वायरोलॉजिस्ट ने अपने बच्चे को जन्म देने से महज कुछ घंटे पहले तक लगातार काम करके भारत की पहली वर्किंग टेस्ट किट तैयार की है।

एक किट से हो सकता है 100 टेस्ट

पुणे की मायलैब डिस्कवरी भारत की पहली ऐसी फर्म है, जिसे टेस्टिंग किट तैयार करने और उसकी बिक्री करने की अनुमति मिली है। मीनल इसी लैब में रिसर्च और डेवलपमेंट प्रमुख वायरोलॉजिस्ट हैं। मायलैब की प्रत्येक किट से 100 सैंपलों की जांच हो सकती है। ‘हमारी किट कोरोना वायरस संक्रमण की जांच ढाई घंटे में कर लेती है, जबकि विदेश से आने वाले किट से जांच में छह-सात घंटे लगते हैं।’

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30 मार्च को बाजार में उपलब्ध हो जाएगी टेस्टिंग किट

कंपनी के मेडिकल मामलों के निदेशक डॉ. गौतम वानखेड़े ने बताया कि ‘हमारी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट इस वीकएंड पर भी काम कर रही है, हम अगली खेप सोमवार को भेजेंगे। कंपनी का यह भी दावा है कि वह एक हफ्ते के अंदर एक लाख कोविड-19 टेस्ट किट की आपूर्ति कर देगी और जरूरत पड़ने पर दो लाख टेस्टिंग किट तैयार कर सकती है।

इस किट पर 10 वैज्ञानिकों की टीम ने किया है काम

मीनल ने बताया कि उनकी 10 वैज्ञानिकों की टीम ने इस परियोजना को सफल बनाने के लिए काफी मेहनत की। 18 मार्च को उन्होंने टेस्टिंग किट की परख के लिए इसे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) को सौंपा। उसी शाम उन्होंने इस किट के प्रस्ताव को भारत के फूड एंड ड्रग्स कंट्रोल अथॉरिटी (सीडीएससीओ) के पास व्यवसायिक अनुमति के लिए भेजा।

आईसीएमआर ने मायलैब किट को सही ठहराया

इस किट को परखने के लिए भेजे जाने से पहले टीम ने इस अलग-अलग मापदंडों पर कई बार जांचा परखा। ताकि इसके नतीजे सटीक निकलें। मीनल भोसले बताती हैं कि अगर आपको किसी सैंपल के 10 टेस्ट करने हों तो सभी दसों टेस्ट के नतीजे एक समान होने चाहिए। हमने यह परफेक्शन हासिल कर लिया। हमारी किट परफेक्ट है। भारत सरकार के इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने मायलैब किट को सही ठहराया है।

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