श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पर लगाए गए जन सुरक्षा कानून (पीएसए) को तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्णय किया है। इस फैसले के बाद श्री अब्दुल्ला की जल्द ही रिहाई संभव हो सकेगी। फारुक अब्दुल्ला पर से पीएसए हटने की खबर के बाद भारी संख्या में मीडिया उनके घर के बाहर तैनात है। उनके कुछ समर्थक भी घर के बाहर पहुंचे जिन्हें पुलिस ने खदेड़ दिया। डॉ. अब्दुल्ला 15 सितंबर 2019 से पब्लिक सेफ्टी कानून(पीएसए) के तहत नजरबंद थे। बता दें कि 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस ले लिया गया था। यहां से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से प्रदेश के कई बड़े नेता जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला भी शामिल हैं को नजरबंद रखा गया है।
जम्मू-कश्मीर जन सुरक्षा कानून 1978 की धारा 19 (1) के तहत जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने फारूक अब्दुल्ला को हिरासत में रखा
यह जानकारी जम्मू-कश्मीर प्रशासन के प्रधान सचिव ने ट्वीट कर दी है। प्रशासन की तरफ से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि जम्मू-कश्मीर जन सुरक्षा कानून 1978 की धारा 19 (1) के तहत जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने श्री अब्दुल्ला को हिरासत में रखे जाने के जिलाधिकारी के आदेश को हटाने का निर्णय लिया है। जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव(योजना) रोहित कंसल ने जानकारी दी है कि सरकार ने फारुक अब्दुल्ला के ऊपर से पीएसए कानून के प्रतिबंध हटाने के आदेश जारी किए हैं।
Rohit Kansal, Principal Secretary Planning, Jammu & Kashmir: Government issues orders revoking detention of Dr Farooq Abdullah. pic.twitter.com/hgcCOQNzcg
— ANI (@ANI) March 13, 2020
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नेशनल कांफ्रेंस ने बयान जारी कर कहा है कि, नेकां संरक्षक फारूक अब्दुल्ला को हिरासत से रिहा किया जाना ‘जम्मू कश्मीर में वास्तविक राजनीतिक प्रक्रिया को बहाल करने की सही दिशा में लिया गया कदम है’।