लखनऊ। योगी सरकार के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने वित्तीय वर्ष 2020-21 का मंगलवार को विधानसभा में UP Budget 2020 पेश किया। इस बजट को बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आशाओं व आकांक्षाओं के साथ छलावा बताया है।
UP Budget 2020 प्रदेश का विकास व यहां की 22 करोड़ जनता का कल्याण संभव नहीं
बसपा सुप्रीमो ने ट्वीट करके कहा यूपी सरकार का मंगलवार को विधानसभा में पेश बजट जनता की आशाओं व आकांक्षाओं के साथ छलावा है। इस बजट से प्रदेश का विकास व यहां की 22 करोड़ जनता का कल्याण संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि यही बुरा हाल इनके पिछले बजटों का भी रहा है, जो जनकल्याण के मामले में बीजेपी की कमजोर इच्छाशक्ति का परिणाम है।
2. यूपी सरकार के आज के बजट में जो भी बड़े-बड़े दावे/वादे किए गए हैं वे पिछले अनुभवों के आधार पर काफी खोखले व कागजी ही ज्यादा लगते हैं। केन्द्र की तरह यूपी बीजेपी सरकार ऐसे दावे व वादे क्यों करती है जो लोगों को आम तौर पर जमीनी हकीकत से दूर तथा विश्वास से परे लगते हैं?
— Mayawati (@Mayawati) February 18, 2020
मायावती ने अपने दूसरे ट्वीट में आगे लिखती हैं कि यूपी सरकार के आज के बजट में जो भी बड़े-बड़े दावे व वादे किए गए हैं। वे पिछले अनुभवों के आधार पर काफी खोखले व कागजी ही ज्यादा लगते हैं। केन्द्र की तरह यूपी बीजेपी सरकार ऐसे दावे व वादे क्यों करती है जो लोगों को आम तौर पर जमीनी हकीकत से दूर तथा विश्वास से परे लगते हैं?
UP Budget 2020: योगी सरकार ने पांच लाख 12 हजार करोड़ का बजट किया पेश
नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा कि UP Budget 2020 गरीब, किसान, मजलूम, नौजवान और महिला विरोधी
योगी सरकार के चौथे बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा कि ये बजट गरीब, किसान, मजलूम, नौजवान और महिला विरोधी है। वित्त मंत्री ने शेरो शायरी कही। इनका बजट पुराने बोतल में नया पानी रखा है। केवल अनुमान पर आधारित बजट है। ये बजट दिशाहीन है। जितने गोवंश स्लाटर हाउस में नहीं कटे, उससे ज्यादा इस सरकार में गाय की मौत हुई।
कांग्रेस ने UP Budget 2020 को बताया दिशाहीन
विधान परिषद में कांग्रेस नेता दीपक सिंह ने कहा कि इस बजट में सिर्फ अभिभाषण के सिवा कुछ नहीं है। बजट में सिर्फ एक ही बात है। इसमें किए गए दावे सिर्फ किताबी हैं। इसमें सिर्फ आयोजन की बात कही गई है। आईपीसी की धाराओं का जिक्र बजट में किया गया है। रोजगार के नाम पर सरकार ने कुछ नही दिया। सिर्फ योजनाओं के नाम बदलकर अपनी पीठ थपथपाई है।