लखनऊ। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार की नीतियां प्राइमरी व जूनियर हाईस्कूलों की विरोधी है। यह आरोप उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षक संघ ने लगाया है। संघ का आरोप है कि इसी के चलते मान्याता प्राप्त और सहायता प्राप्त जूनियर हाईस़्कूल के प्राइमरी स्कूल बंदी की कगार पर पहुंच गए हैं।
सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन चलाने का एलान
संघ ने इन्हीं स्कूलों को बचाने के लिए सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन चलाने का एलान किया है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षक संघ आगामी चार फरवरी को रमाबाई आंबेडकर मैदान में संगठन बुद्धि—शुद्धि महायज्ञ का आयोजन करेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 26 अप्रैल 2017 को मुलाकात की थी
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दुर्गा चरन सिन्हा ने रविवार को काफी हाऊस में पत्रकारों से वार्ता करते हुए लगाया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 26 अप्रैल 2017 को मुलाकात की थी। वार्ता में संगठन ने यह मांग की थी कि मानकों पर खरे उतरने वाले विद्यालयों को अनुदानित किया जाए। इसके साथ ही असहायता प्राप्त प्राइमरी एवं जूनियर हाईस्कूलों में अध्ययरत बच्चों की फीस प्रबन्धक खाते में डालने। इसके अलावा परिषदीय विद्यालयों की तरह ही इन विद्यालयों के बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक, मध्याह्न भोजन, यूनीफार्म, मोजा-जूता व बैग की सुविधा दी जाए। इसके साथ ही डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों को विधिक घोषित कर उन्हें वेतन भुगतान किया जाए और प्रबन्धकों को शिक्षक व कर्मचारी की नियुक्त का अधिकार दिए जाने की मांग की गई थी। उस समय मुख्यमंत्री ने 6 माह का समय मांगते हुए संगठन के अक्तूबर में होने वाले समारोह में सार्थक घोषणाएं करने का भरोसा दिया था।
योगी ने वादा खिलाफी करते हुए विद्यालयों को अनुदानित करने पर भी रोक लगा दी
दुर्गा चरन सिन्हा ने बताया कि भरोसे के ठीक विपरीत प्रदेश सरकार ने शासनादेश जारी किए हैं। जिससे बच्चे सुविधा से तो वंचित होंगे, वहीं प्रबन्धकों के नियुक्ति के अधिकार खत्म हो गए हैं। इसके साथ ही विद्यालयों को अनुदानित करने पर भी रोक लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि उनका संगठन प्राइमरी स्कूल के बच्चों, शिक्षकों और प्रबन्धकों के अधिकारों की लड़ाई लड़ेगा। इसके लिए आगामी चार फरवरी को बुद्धि—शुद्धि महायज्ञ करके प्रदेश सरकार को सद्बुद्धि देने की ईश्वर से प्रार्थना करेंगे।