नई दिल्ली। एक ओर जहां निर्भया के माता-पिता और पूरा देश सात साल से उसके गुनहगारों को फांसी पर लटकता देखने का इंतजार कर रहा है। तो वहीं सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह के एक बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है।
बता दें कि इंदिरा जयसिंह ने निर्भया की मां से अपील की है कि वह दोषियों को माफ कर दें। इंदिरा के इसी बयान से निर्भया की मां आशादेवी आहत हैं। उन्होंने नाराज होते हुए पूछा कि क्या आपकी बेटी या आपके साथ ऐसा होता तब भी आप यहीं कहतीं?
Asha Devi: Can't believe how Indira Jaising even dared to suggest such this. I met her many times over the years in Supreme Court,not once she asked for my wellbeing& today she is speaking for convicts.Such ppl earn livelihood by supporting rapists,hence rape incidents don't stop https://t.co/Gjf02l9LT4 pic.twitter.com/Rl3sMbppl5
— ANI (@ANI) January 18, 2020
निर्भया की मां आशा देवी ने इंदिरा जयसिंह के बयान पर कहा है कि आखिर इंदिरा जयसिंह कौन होती हैं मुझे ऐसी सलाह देने वाली? भगवान कहे तब भी दोषियों को माफ नहीं करूंगी। पूरा देश निर्भया के दोषियों को फांसी पर झूलता देखना चाहता है। उनके जैसे लोगों की वजह से ही रेप पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिलता।
आशा देवी ने आगे कहा कि मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि इंदिरा जयसिंह ने ऐसी बात कहने की हिम्मत की। मैं उनसे केस की सुनवाई के दौरान कई बार सुप्रीम कोर्ट में मिली हूं, लेकिन उन्होंने कभी मेरा हालचाल नहीं लिया। अब वह दोषियों को माफ करने की बात कह रही हैं। ऐसे लोग ही रेप का समर्थन कर अपना जीवनयापन करते हैं, इसलिए रेप जैसी घटनाएं रुकती नहीं हैं।
जानें क्या था इंदिरा जयसिंह का बयान?
सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने निर्भया की मां से अपनी बेटी के दरिंदों को माफ करने का अनुरोध किया है। निर्भया के दरिंदों के लिए अदालत ने नया डेथ वारंट जारी किया है। अब उन्हें एक फरवरी को फांसी पर लटकाया जाएगा। दरिंदों ने चलती बस में 16 दिसंबर, 2012 की रात को 23 साल की मेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था।
निर्भया की मां आशा देवी ने शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत द्वारा आरोपियों की फांसी की तारीख टालने पर जब अपनी निराशा व्यक्त की तो उसके कुछ देर बाद ही जयसिंह ने ट्विटर पर उनसे आरोपियों को माफ करने का अनुरोध किया।
जयसिंह ने ट्वीट कर कहा कि मैं आशा देवी के दर्द से पूरी तरह से वाकिफ हूं। मैं उनसे अनुरोध करती हूं कि वह सोनिया गांधी के उदाहरण का अनुसरण करें जिन्होंने नलिनी को माफ कर दिया और कहा कि वह उसके लिए मौत की सजा नहीं चाहती हैं। हम आपके साथ हैं, लेकिन मौत की सजा के खिलाफ हैं।