नई दिल्ली। भारतीय महिलाएं अपनी प्रतिभा और कुछ कर गुजरने के जज्बे के बल पर विदेशों में झंडे तो गाड़ ही रही है। इसके साथ अपने मुल्क का नाम भी रोशन कर रही हैं।
डॉ. सौम्या स्वामीनाथन प्रसिद्ध चिकित्सा शोधकर्ता और स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ
इसमें एक नाम है डॉ. सौम्या स्वामीनाथन प्रसिद्ध चिकित्सा शोधकर्ता और स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ का। वह पहली भारतीय हैं जिनको विश्व स्वास्थ्य संगठन के डिप्टी जनरल के तौर पर नियुक्त किया है। सौम्या जो एचआईवी और तपेदिक की प्रमुख शोधकर्ता हैं। वह भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक के रूप में कार्य कर चुकी हैं।
बता दें कि जिस लड़की को कभी चंडीगढ़ पीजीआई ने देरी से पहुंचने के कारण दाखिला नहीं दिया था। वह आज एक अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक है। यही नहीं एक दिन उसी लड़की को चंडीगढ़ पीजीआई में बतौर मुख्य वक्ता आमंत्रित किया गया था। इनकी पहचान सिर्फ देश में नहीं बल्कि अंतराराष्ट्रीय स्तर पर एक सफल वैज्ञानिक के रूप में है।
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सौम्या स्वामीनाथन का जन्म 2 मई 1959 को चेन्नई में हुआ था। उन्होंने पुणे (महाराष्ट्र) के सशस्त्र सेना मेडिकल कॉलेज से स्नातक किया। बाल रोग विशेषज्ञ सौम्या स्वामीनाथन ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से एमडी की डिग्री भी हासिल की है। सौम्या देश की मशहूर बाल रोग विशेषज्ञ भी हैं और क्लिनिकल केयर और रिसर्च में उनका अनुभव 30 साल का है।
सौम्या ने WHO विशेष कार्यक्रम में 2009 और 2011 के बीच यूनिसेफ, यूएनडीपी, विश्व बैंक के समन्वयक के रूप में कार्य किया है। अब तक उन्हें दवा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए नौ पुरस्कार दिए जा चुके हैं। सौम्या, भारतीय हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन की बेटी हैं। सौम्या की मां मीना स्वामीनाथन एक प्रसिद्ध शिक्षाविद हैं।
- डा. सौम्या स्वामीनाथन की पहचान क्लीनिकल साइंटटिस्ट के तौर पर है।
- उन्होंने ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) पर काफी बेहतरीन रिसर्च की हुई है।
- आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने के बाद उन्होंने एम्स से पीडियाट्रिक्स में एमडी की डिग्री हासिल की है।
- उसके बाद उन्हें कैलिफोर्निया के चिल्ड्रन हॉस्पिटल से फेलोशिप मिली।
- वे नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन ट्यूबरकोलोसिस की डायरेक्टर भी रही हैं।