नई दिल्ली। भारत में सबसे सुरक्षित और लाभकारी निवेश में से एक सोना माना जाता है। वर्ष 2019 में सोने में निवेश करने वालों की बल्ले—बल्ले है, जो नए साल में भी जारी रह सकती है।
दुनिया में जारी आर्थिक सुस्ती के बीच नये साल में सोना 42,000 से 45,000 रुपये प्रति 10 ग्राम की नई ऊंचाई को छू सकता है
सर्राफा बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि दुनिया में जारी आर्थिक सुस्ती के बीच नये साल में सोना 42,000 से 45,000 रुपये प्रति 10 ग्राम की नई ऊंचाई को छू सकता है। सोने ने वर्ष 2019 में 23 प्रतिशत से अधिक का लाभ दिया है। सोने में निवेश एक सुरक्षित विकल्प है, लेकिन इसमें औसत प्रतिफल शेयरों की तुलना में कम रहता है, लेकिन इस बार सोने ने निवेशकों को शेयरों से अधिक मुनाफा दिया है।
दिल्ली सर्राफा बाजार वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था नाजुक बनी हुई है। दुनिया में जब भी ऐसी स्थिति बनती है, तो निवेशक निवेश के अन्य विकल्पों के बजाय सोने में निवेश को तरजीह देते हैं।
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आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार वर्ष 2018 के मुकाबले 2019 में सोने में निवेशकों को 23 प्रतिशत से अधिक का प्रतिफल मिला है। एक साल पहले 31 दिसम्बर, 2018 को 24 कैरट या 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का दाम 32,270 रुपये प्रति दस ग्राम था। इस साल के अंतिम सप्ताहांत सोने का भाव 40,000 रुपये प्रति दस ग्राम के आसपास रहा है। इस लिहाज से सोने का भाव अभी तक 7,430 रुपये यानी 23 प्रतिशत से कुछ अधिक बढ़ चुका है।
सोना ही नहीं चांदी में भी निवेशकों को करीब 22 प्रतिशत तक रिटर्न मिला
गोयल ने बताया की सोना ही नहीं चांदी में भी निवेशकों को करीब 22 प्रतिशत तक रिटर्न मिला है। पिछले साल 31 दिसम्बर को चांदी का भाव 39,100 रुपये प्रति किलोग्राम रहा था, जो इस साल के अंतिम सप्ताहांत 47,700 रुपये प्रति किलोग्राम रही है।
गोयल कहते हैं कि बेशक यह धारणा है कि सोने की तुलना में शेयरों में निवेश पर अधिक कमाई होती है, लेकिन अब शेयर बाजार काफी ऊंचाई पर हैं। ऐसे में निश्चित रूप से आगे भी सोने में निवेश करना निवेशकों के लिए अच्छा सौदा रहेगा। गोयल ने कहा कि आज भी सोना ही निवेश का सुरक्षित विकल्प है। इसे पूरे साल के हिसाब से नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि यह ऊपर नीचे होता रहता है।