नई दिल्ली। ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों की सुरक्षा) विधेयक , 2019 मंगलवार को राज्यसभा में पास हो गया है। बता दें कि इससे पहले पांच अगस्त 2019 को लोकसभा ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी थी। इस विधेयक में ट्रांसजेंडरों को समाज की मुख्यधारा में लाने और उनके सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक सशक्तीकरण के लिए एक कार्यप्रणाली उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है।
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ट्रांसजेंडर लोगों के खिलाफ अपराध करने वालों के लिए दंड का प्रावधान किया
इसके अलावा विधेयक में ट्रांसजेंडर लोगों के खिलाफ अपराध करने वालों के लिए दंड का प्रावधान किया गया है। बता दें कि केंद्र सरकार ने बीते 19 जुलाई को विधेयक लोकसभा में पेश किया था जबकि केंद्रीय कैबिनेट ने 10 जुलाई को विधेयक को मंजूरी दी थी। इस विधेयक को लाने के पीछे मोदी सरकार का मानना है कि इससे हाशिए पर खड़े इस वर्ग के खिलाफ भेदभाव और दुर्व्यवहार रोका जा सकेगा। इसके साथ ही इन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने में मदद मिलेगी। विधेयक में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पहचान प्रमाणपत्र जारी करने के साथ ही नियोजन, भर्ती, प्रोन्नति का रास्ता साफ हो गया है। इसके साथ ही अन्य संबंधित मुद्दों से जुड़े विषयों में किसी ट्रांसजेंडर व्यक्ति के खिलाफ भेदभाव नहीं करने पर जोर दिया गया है।