प्लास्टिक का बोतल

प्रेगनेंसी के दौरान न पिये प्लास्टिक के बोतल में पानी, हो सकती हैं बड़ी समस्या

773 0

लाइफस्टाइल डेस्क। वैसे तो पानी पीने के लिए अधिकतर लोग प्लास्टिक के बोतल बेहिचक का इस्तेमाल करते हैं। मगर शायद वो ये नहीं जानते कि ये प्लास्टिक की बोतल उन्हे सेहत के लिए कितना हानिकरक हैं। खास करके गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु के लिए यह और भी खतरनाक साबित होता हैं।

साथ ही यह भी बता दें कि अगर गर्भ में शिशु लड़का है तो उसकी प्रजनन क्षमता पर यह पानी विपरीत असर डाल सकता है। वाराणसी आब्स्टैट्रिक, गायनेकोलॉजी सोसाइटी एवं आईएमएस बीएचयू की ओर से होटल रमाडा में आयोजित तीन दिवसीय कांफ्रेंस के दूसरे दिन शनिवार को यह जानकारी दिल्ली से आये डॉ. केडी नायर ने दी।

उन्होंने बताया कि प्लास्टिक की बोतल बाईसेफेनॉल नाम के केमिकल से बनती है, जो मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।गर्भस्थ शिशु पर इसका गहरा प्रभाव पड़ सकता है।

bigg boss 13: आखिर क्यों रश्मि और सिद्धार्थ फिर रोमांस करते हुए आए नजर? 

गर्भ में पल रहा बच्चा यदि लड़का है तो उसके शुक्राणु कम हो होने की आशंका बढ़ जाती है। वहीं लड़की होने पर अंडाणु कम होते हैं, जिससे उनमें बाद में गर्भधारण करने में परेशानी होती है।

दूसरे दिन तीन सत्र में 65 से ज्यादा स्त्री रोग विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। मनिपाल मेडिकल विश्वविद्यालय से आए डॉ. प्रताप कुमार नारायन ने बताया कि महिलाओं का विवाह 35 वर्ष की उम्र के बाद होता है तो उनके गर्भधारण करने में दिक्कत होती है। इसकी वजह अंडाणु का बनना कम हो जाना है। कार्यक्रम में डॉ. लवीना चौबे, डॉ. सुधा सिंह, डॉ. रितु खन्ना, डॉ. संगीता राय, डॉ. विभा मिश्रा मौजूद रहीं।

महिला-पुरुष में बराबर आ रही समस्या

डॉ. नायर ने बताया कि पहले बच्चा पैदा नहीं होने की समस्या 70 प्रतिशत महिलाओं में और 30 प्रतिशत पुरुषों में होती थी। अब इसमें बदलाव आया है। महिला व पुरुष दोनों में बराबर 50-50 प्रतिशत यह समस्या आ रही है। पुरुषों में शुक्राणुओं की गिरती संख्या इसका मुख्य कारण है और इसके पीछे कई कारण हैं।

स्टार बर्थड़े: 40वीं जन्मदिन पर राखी सावंत ने अपनी बीती जिंदगी किया बड़ा खुलासा 

25 साल की उम्र से ही कराएं जांच

गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में गायनेकोलॉजी की विभागाध्यक्ष रहीं डॉ. रीना सिंह ने बताया कि बच्चेदानी के मुंह में कैंसर होने भारत में प्रतिवर्ष 47500 महिलाओं की जान जाती है। बच्चेदानी के मुंह में कैंसर होने का खतरा 25 वर्ष की उम्र से रहता है।

10 से 12 वर्ष में यह भयावह हो जाता है और तब इलाज करना मुश्किल रहता है। इससे बचाव के लिए जरुरी है कि 25 साल की उम्र से जांच करायी जाए। शुरुआती दौर में पता चलने पर इसका इलाज कर दिया जाता है।

Related Post

Anit shah

छत्तीसगढ़ के जगदलपुर पहुंचे अमित शाह, शहीदों को दी श्रद्धांजलि

Posted by - April 5, 2021 0
जगदलपुर। गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah)  छत्तीसगढ़ के जगदलपुर पहुंच चुके हैं। शाह के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल…