मुंबई। महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं का आरोप है कि ये पूरा खेल शरद पवार ने ही रचा है। शरद सब जानते थे, चाचा-भतीजा दोनों मिले हुए हैं। बिना शरद की सहमति के ये संभव नहीं था।
अब ये साबित हो गया कि भाजपा देश के लोकतंत्र की सुपारी ले चुकी है। राज्यपाल एक बार फिर शाह के ‘हिटमैन’ साबित हुए हैं।
1. राष्ट्रपति शासन कब हटा?
2. रातोंरात कब दावा पेश किया ?
3. कब विधायकों की सूची पेश की?
4. कब विधायक राज्यपाल के समक्ष पेश हुए?
5. चोरों की तरह शपथ क्यों दिलाई? pic.twitter.com/XGL5lEGnNj— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 23, 2019
कांग्रेस ने महाराष्ट्र में अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम में देवेंद्र फड़णवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाए जाने को जनादेश के साथ विश्वासघात और लोकतंत्र की सुपारी देना करार दिया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि मुझे मत देखो यूं उजाले में लाकर, सियासत हूं मैं, कपड़े नहीं पहनती। इसे कहते हैं: जनादेश से विश्वासघात, लोकतंत्र की सुपारी। ‘
इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस, शिवसेना और राकांपा को तीन दिनों के भीतर बातचीत पूरी कर लेनी चाहिए थी। सिंघवी ने ट्वीट किया कि महाराष्ट्र के बारे में पढ़कर हैरान हूं। पहले लगा कि यह फर्जी खबर है। निजी तौर पर बोल रहा हूं कि तीनों पार्टियों की बातचीत तीन दिन से ज्यादा नहीं चलनी चाहिए थी। यह बहुत लंबी चली। मौका दिया गया तो फायदा उठाने वालों ने इसे तुरंत लपक लिया।
उन्होंने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार पर तंज कसते हुए कहा कि पवार जी तुस्सी ग्रेट है। अगर यही सही है तो आश्चर्यजनक है। अभी यकीन नहीं है। महाराष्ट्र में नाटकीय घटनाक्रम के तहत राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार सुबह भारतीय जनता पार्टी नेता देवेंद्र फडणवीस को राज्य के मुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता अजीत पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।
बता दें कि 24 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद करीब महीने भर बाद राज्य को मुख्यमंत्री मिला है। इससे पहले सरकार बनाने को लेकर सभी पार्टियों में बातचीच चल रही थी। ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद पर शिवसेना के दावे के बाद बीजेपी-शिवसेना के रास्ते अलग हो गए थे।