पटना। पटना में पुलिस लाइन में शुक्रवार को महकमे के अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई सामने आई है। बताया जा रहा है कि पुलिस लाइन में शुक्रवार को महिला ट्रेनी की मौत पर उपद्रव करने के मामले में रविवार को 175 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया। इनमें 77 महिलाओं समेत 167 रंगरूट शामिल हैं। विभाग के 23 कर्मचारियों को निलंबित भी किया गया है।
इतना ही नहीं रंगरूटों के अलावा जिन आठ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया वे जांच में उपद्रव भड़काने के दोषी पाए गए। जिन 23 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है उनमें से तीन ट्रेनी सविता को बीमार होने के बावजूद छुट्टी नहीं देने के दोषी पाए गए। बाकी 20 या तो ड्यूटी पर गैरहाजिर थे या उन्होंने उपद्रवियों को रोकने की कोशिश नहीं की। आईजी नैयर हसनैन खान, एसएसपी मनु महाराज और अन्य पुलिस अधिकारियों ने इस मामले में दर्ज चार केसों की समीक्षा के बाद बर्खास्तगी का आदेश दिया।
आरोप है कि बर्खास्त पुलिसकर्मियों पर हत्या का प्रयास, दंगा करने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, अधिकारियों पर हमला करने जैसे संगीन जुर्म हैं। इस मामले में उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है। वहीं, उनमें से कुछ ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि वे इस कार्रवाई के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी में है। जांच में पता चला है कि घटना के पीछे विभाग के कुछ ऐसे कर्मचारियों और अफसरों के प्रति नाराजगी भी जताई गई है जो वहां 10-12 साल से जमे हुए हैं। एसएसपी ने ऐसे 93 पुलिसकर्मियों की सूची आईजी को सौंप दी है। सूत्रों की मानें तो इनका भी तबादला तय है।
बताते चलें कि पटना पुलिस लाइन में शुक्रवार को सविता नाम की एक महिला पुलिसकर्मी की डेंगू की वजह से मौत हो गई थी। इसके बाद प्रशिक्षु पुलिसकर्मियों ने हंगामा कर दिया था। उनका आरोप था कि महिला पुलिसकर्मी को छुट्टी नहीं दी गई, जिसके कारण उसकी तबियत ज्यादा बिगड़ी और मौत हो गई। बवाल के दौरान पुलिसकर्मियों ने एसपी-डीएसपी को पीटा भी था।