लखनऊ। यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (UP GIS) से प्रदेश के विभिन्न सेक्टरों को नई गति मिलने जा रही है। उत्तर प्रदेश में डेयरी एवं पशुधन में निवेशकों ने 35 हजार करोड़ से ज्यादा के निवेश पर सहमति जतायी है। इसमें डेयरी सेक्टर (Dairy Sector) में 31 हजार करोड़ से अधिक, जबकि पशुधन में 44 सौ करोड़ से अधिक का निवेश उद्योग जगत करने जा रहा है। मुख्यमंत्री की ओर से अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश है कि टीम बनाकर जल्द से जल्द सभी निवेशों को धरातल पर उतारने के कार्य में जुट जाएं। दोनों सेक्टर को मिलाकर एक लाख से भी ज्यादा नौकरियां उपलब्ध कराने की बात कही जा रही है।
पांच सदस्यीय कमेटी का गठन
यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (UP GIS) के जरिए डेयरी और पशुधन सेक्टर (Dairy and Livestovk Sector) को मिले 35 हजार करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव को सुनियोजित कार्ययोजना के अंतर्गत धरातल पर उतारने के लिए पशुपालन विभाग के डायरेक्टर की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी अब इस बात को सुनिश्चित करेगी कि डेयरी सेक्टर में हुए 1051 एमओयू और पशुधन सेक्टर में हुए 1432 निवेश प्रस्तावों को कैसे जल्द से जल्द धरातल पर उतारा जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि जल्द से जल्द प्रस्तावों को जमीन पर उतारते हुए ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन कराना सुनिश्चित करें। इसके लिए अगर मदद की आवश्यक्ता हो तो औद्योगिक विकास विभाग और इन्वेस्ट यूपी की टीम के साथ मिलकर कार्य करें।
एक लाख से ज्यादा रोजगार का होगा सृजन
योगी सरकार (Yogi Sarkar) का शुरू से ही दुग्ध उत्पादन, दुग्ध प्रसंस्करण और पशुधन संवर्धन को लेकर जोर रहा है। अब यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए इस सेक्टर को मिले 35 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों ने सरकार की उम्मीदों को बल प्रदान किया है। साथ ही साथ डेयरी और पशुधन सेक्टर में रोजगार के अवसर भी बड़े पैमाने पर खुलने जा रहे हैं। जिस तरह से एमओयू और निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, अगर अधिकारियों की टीम उसे धरातल पर उतार ले जाती है तो अकेले डेयरी सेक्टर में ही 72 हजार से ज्यादा रोजगार का सृजन होगा। वहीं पशुधन सेक्टर में 32 हजार से ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। इस प्रकार दोनों ही सेक्टर में एक लाख से ज्यादा रोजगार का सृजन होगा।
उद्यमियों को इधर उधर भटकना ना पड़े
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश है कि अब ये उनका दायित्व है कि वे उद्यमियों का हर प्रकार से सहयोग करें और सिंगल विंडो सिस्टम के तहत उनके उद्यम लगाने से संबंधित सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराएं। साथ ही निवेशकों के आवेदनों का समयबद्ध तरीके से निस्तारण सुनिश्चित कराएं, जिससे कि उद्यमियों को इधर उधर भटकना ना पड़े।
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बता दें कि डेयरी और पशुधन विभाग की ओर से इन्वेस्टर्स समिट के जरिए लक्ष्य से अधिक निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। दोनों ही विभागों की ओर से समिट के दौरान स्टाल लगाए गये थे। विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश है कि डेयरी उत्पादन, डेयरी प्लांट और गो संरक्षण के साथ ही सीबीजी, बॉयो सीएनजी का उत्पादन, गोबर एवं गोमूत्र के विभिन्न उत्पाद तथा सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना आदि कार्यों पर विशेष बल दिया जाए।