conversion

उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून सख्त, अब 10 साल तक की हो सकती है सजा

291 0

देहरादून। राज्य मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड में धर्मांतरण (Conversion) को और अधिक सख्त और संज्ञेय बनाते हुए इसमें कई नए संशोधन करने के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। यह संशोधित विधेयक तत्काल प्रभाव से लागू होगा। सरकार का मानना है कि प्रलोभन,जबरन या विवाह आदि के उद्देश्य से विश्वास में लेकर धर्म परिवर्तन कराने वाले षडयंत्रकारियों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की व्यवस्था से धर्मांतरण पर अंकुश लग सकेगा।

बुधवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई लेकिन इसमें विधानसभा सत्र आहूत करने को लेकर मंत्रिमंडल के निर्णय की औपचारिक जानकारी नहीं दी गई। हालांकि सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल में लगभग दो दर्जन से अधिक विषय रखे गए। मंत्रिमंडल द्वारा उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2018 के विभिन्न प्रावधानों पर संशोधनों को मंजूरी दी गई। संशोधन के फलस्वरूप अस्तित्व में आने वाले उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक-2022 के कई प्रावधान अवैध धर्मांतरण और लव जिहाद जैसी पनपती प्रवृत्तियों पर काफी हद तक अंकुश लगा सकेगा।

मूल अधिनियम की धारा 03 के अनुसार कोई व्यक्ति बल, असम्यक असर प्रपीड़न, प्रलोभन के प्रयोग या पद्धति द्वारा अथवा कपटपूर्ण साधन के माध्यम से किसी अन्य व्यक्ति को प्रत्यक्ष या अन्यथा रूप से एक से दूसरे धर्म में परिवर्तन नहीं करा सकेगा। धर्म परिवर्तन के लिए किसी को उत्प्रेरित, विश्वास दिलाने या षडयंत्र करने पर भी रोक लगाई गई है।

व्यवस्था के अनुसार यदि कोई व्यक्ति अपने ठीक पूर्व धर्म में परिवर्तन करता है तो उसे अधिनियम के अधीन धर्म परिवर्तन नहीं माना जाएगा। ऐसी स्थिति में धर्म परिवर्तित व्यक्ति के रक्त संबंधी, विवाह या दत्तक ग्रहण से संबंधी धर्म परिवर्तन की धारा तीन के उपबंधों का उल्लंघन होने पर एफआईआर दर्ज करा सकता है। धारा तीन के उल्लंघन पर दो से 07 वर्ष की सजा न्यूनतम 25 हजार रुपये का जुर्माना होगा। यदि कोई अवयस्क महिला या एसी/एसटी से संबंधित व्यक्ति के मामले में धारा तीन के उल्लंघन करने वाले पर दो से 10 वर्ष की सजा और न्यूनतम 25 हजार जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

सामूहिक धर्म परिवर्तन पर आरोपित को 03 से 10 साल का कारावास और न्यूनतम 50 हजार रुपये जुर्माना देना पड़ेगा। यहीं नहीं न्यायालय धर्म परिवर्तन के पीड़ित को अभियुक्त द्वारा संदेय प्रतिकर भी स्वीकृत करेगा जो अधिकतम पांच लाख तक हो सकता है। यही नहीं धर्म परिवर्तन का अपराध दोबारा करने पर पूर्व के दंड से दोगुना दंड दिया जा सकता है।

धर्म परिवर्तन के एक मात्र परियोजन से एक धर्म के पुरुष द्वारा अन्य धर्म के महिला के साथ विवाह के पूर्व या पश्चात महिला या स्वयं धर्म परिवर्तन कर किया गया विवाह अवैध व शून्य हो जाएगा। ऐसे मामले में विवाह के किसी पक्षकार द्वारा दूसरे पक्षकार के विरुद्ध प्रस्तुत की गई याचिका पर कुटुम्ब न्यायालय या सक्षम न्यायालय ऐसे धर्म परिवर्तन को शून्य घोषित कर सकेगा।

मूल अधिनियम की धारा आठ की उपधारा पांच व छह में भी उपधारा एक के उपबंधों का उल्लंघन करने पर छह माह से तीन वर्ष की सजा और न्यूनतम दस हजार का जुर्माना लगाया जा सकता है। उपधारा दो के उल्लंघन पर एक से पांच वर्ष की सजा तथा न्यूनतम 25 हजार जुर्माना देना होगा। धारा 09 में संशोधन के उपरांत व्यवस्था दी गई है कि धर्म परिवर्तित व्यक्ति को निर्धारित प्रपत्र में धर्म परिवर्तन की तारीख से 60 दिन के भीतर अपने निवास स्थान से संबंधित जिले के जिलाधिकारी को घोषणा प्रेषित करनी होगी।

जिलाधिकारी घोषणा पत्र की प्रति पुष्टि करने के दिनों तक कार्यालय के सूचना पट प्रदर्शित करेंगे। जिसमे व्यक्ति का मूल निवास जन्म तिथि, माता पिता आदि का पूरा विवरण होगा। यही नहीं उसे 21 दिन के भीतर जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत होकर अपनी पहचान सिद्ध करने होंगे। आपत्तियां संज्ञान में आने पर जिलाधिकारी तदनुसार यथोचित कार्रवाई कर सकेंगे। इस प्रकार उपधारा एक से चार के उल्लंघन पर धर्म परिवर्तन का प्रभाव अवैध व शून्य हो जाएगा। दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के अंतर्गत अधिनियम के अधीन के अधीन समस्त अपराध संज्ञेय और गैरजमानती होंगे। जिन पर सत्र न्यायालय सुनवाई करेगा।

Related Post

बीजेपी में फूट

अजित पवार के साथ सरकार बनने पर बीजेपी में फूट, एकनाथ बोले- समर्थन लेना थी भूल

Posted by - November 27, 2019 0
मुंबई। महाराष्ट्र में एनसीपी नेता अजित पवार के साथ सरकार गठन को लेकर बीजेपी में विरोध के स्वर सुनाई दे…
Prof. Vinay Kumar Pathak

‘वन कंट्री वन डाटा’ पर भी कार्य करने की आवश्यकता: प्रो. विनय कुमार पाठक

Posted by - February 17, 2021 0
लखनऊ। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में बुधवार को भारत की उच्च तकनीकी शिक्षा प्रणाली हेतु अभिनव और प्रगतिशील…
safdarjang hospital fire

दिल्ली सफदरजंग अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भीषण आग, 50 मरीजों को दूसरे वार्ड में किया शिफ्ट

Posted by - March 31, 2021 0
नई दिल्ली। यूपी के कानपुर के कार्डियोलॉजी अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आग लगे ज्यादा दिन नहीं हुए थे कि…