नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 में ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर एक बार फिर विपक्ष लामबंद है। देश की 21 विपक्षी पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एक पुनर्विचार याचिका दायर की है। इस पार्टियों ने कोर्ट से मांग है कि वह चुनाव आयोग को ईवीएम से वीवीपैट के 50 फीसदी मिलान करने का निर्देश दे।
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तीन फेज के लोकसभा चुनाव 2019 में कई जगहों पर ईवीएम में टैम्परिंग और गड़बड़ी की बात सामने आई
सुप्रीम कोर्ट दायर पुनर्विचार याचिका में कहा गया है कि पहले तीन फेज के चुनाव में कई जगहों पर ईवीएम में टैम्परिंग और गड़बड़ी की बात सामने आई हैं। इससे पहले आठ अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को आदेश दिया था कि वह हर विधानसभा में कम से कम पांच बूथों पर ईवीएम-वीवीपैट पर्चियों का मिलान कराए। विपक्षीय पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के विरोध में समीक्षा याचिका दायर की है।
21 opposition parties filed a review petition before the Supreme Court today seeking a direction to the Election Commission to verify 50 % of the EVMs using VVPAT. pic.twitter.com/OfMvT4tAcj
— ANI (@ANI) April 24, 2019
चुनाव आयोग हर विधानसभा क्षेत्र में किसी एक ईवीएम और वीवीपैट का करता है औचक मिलान
बता दें कि 21 विपक्षीय पार्टियों द्वारा याचिका दाखिल करने के बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया था। याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि इस याचिका को ज्यादा समय तक रोक कर नहीं रखा जा सकता। इस समय चुनाव आयोग हर विधानसभा क्षेत्र में किसी एक ईवीएम और वीवीपैट का औचक मिलान करता है।
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अगर 50 फीसदी वीवीपैट का मिलान कराया गया तो औसतन मतगणना में लगेगा 5.2 दिन
इस बार के लोकसभा चुनाव पर नजर दौड़ाएं तो इस बार 10.35 लाख मतदान केंद्र बनाए गए हैं और हर विधानसभा क्षेत्र में करीब-करीब 250 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने कोर्ट में दलील दी थी कि एक पोलिंग स्टेशन पर वीवीपैट पर्चियों के मिलान में एक घंटे का समय लगता है। अगर 50 फीसदी वीवीपैट का मिलान कराया जाए तो औसतन मतगणना में 5.2 दिन लगेगा।