लखनऊ: 14 जुलाई से सावन माह (Sawan) प्रारंभ हो चूका है। इस श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा व जलाभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। शिव के आशीर्वाद से रोग, दोष, दुख, कष्ट आदि जैसी नकारात्मकता दूर होती है। सावन में शिव मंत्रों का जाप या रुद्राभिषेक कराने से लाभ मिलता है। सावन में आपको कोई मनोकामना पूरी करनी हो या फिर किसी रोग, दोष, कष्ट आदि से मुक्ति चाहिए, तो भगवान शिव के मंत्रों का जाप करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
प्रभावशाली मंत्र
1. शिव पंचाक्षर मंत्र
ओम नम: शिवाय शिव पंचाक्षर मंत्र है, यह सरल और प्रभावशाली मंत्र है। इस मंत्र का जाप करने से सभी प्रकार के मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसे शिव जी का मूल मंत्र भी कहा जाता है।
2. महामृत्युंजय मंत्र
ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
यदि आप किसी संकट में घिरे हैं, असाध्या रोग से पीड़ित हैं, अकाल मृत्यु का भय है, तो आपको महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। महामृत्युंजय मंत्र का लघु रूप भी है, उसका भी आप जाप करा सकते हैं।
लघु मृत्युंजय मंत्र
ओम जूं स माम् पालय पालय स: जूं ओम
3. शिव गायत्री मंत्र
ओम तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।
जीवन में उन्नति, सुख, शांति और समृद्धि के लिए शिव गायत्री मंत्र का जाप किया जाता है। कहते हैं कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश सदैव मां गायत्री का ध्यान करते हैं।
4. शिव रक्षा स्तोत्र
याज्ञवल्क्य ऋषि ने इसकी रचना की थी. सावन में आप प्रत्येक दिन शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं। इसको करने से नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव खत्म होता है, संकट दूर होते हैं. शिव कृपा से रोग, दोष आदि भी नष्ट हो जाते हैं। भगवान शिव अपने भक्त की रक्षा करते हैं।
5. शिव तांडव स्तोत्र
रावण ने शिव जी को प्रसन्न करने के लिए शिव तांडव स्तोत्र की रचना की थी। सावन में आप शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करके शिव कृपा प्राप्त कर सकते हैं, शिव के आशीर्वाद से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी और दुखों का अंत होगा।