लखनऊ: उत्तर प्रदेश में किसानों के जीवन में खुशहाली लाने की दिशा में पूरे प्रदेश में सिंचाई क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि की गई है। इसके फलस्वरूप, प्रदेश में कुल कृषि (Farmers) योग्य क्षेत्रफल 188.40 लाख हेक्टेयर में कुल सिंचित क्षेत्रफल 143.32 लाख हेक्टेयर पहुँच गया है। इस दिशा में मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल दिशानिर्देश की वजह से लगातार काम किया जा रहा है।
सरकार के दूसरे कार्यकाल के प्रथम 100 दिनों में बाढ़ से बचाव हेतु विभिन्न जनपदों में रु 591 करोड़ की 62 परियोजनाएं पूर्ण हुई हैं। झांसी जनपद के बबीना ब्लॉक के 15 ग्रामों में रु 247 करोड़ की सिंचाई परियोजना पूर्ण हुई, व 4400 हेक्टेयर सिंचन क्षमता से लगभग 5240 किसान लाभान्वित हुए हैं। रु 150 करोड़ की लागत से कानपुर देहात जनपद की उमरहट पंप नहर परियोजना का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। इससे 19.630 हेक्टेयर सिंचन क्षमता का सृजन हुआ है और लगभग 2 लाख कृषक लाभान्वित हुए हैं।
गोरखपुर, बस्ती, अयोध्या और देवीपाटन मंडलों के 135 नलकूपों तथा कानपुर, झांसी और बांदा मंडलों के 104 नलकूपों का आधुनिकीकरण किया गया है। गाजीपुर में अमौरा पंप नहर का आधुनिकीकरण किया गया है और इससे 3044 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता सृजित हुई है व 2695 किसान लाभान्वित हुए हैं। अर्जुन सहायक परियोजना में महोबा व हमीरपुर जिले में 28 कुलाबों पर गूल, माइक्रो इरिगेशन निर्माण कर 3,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल सिंचाई क्षमता में वृद्धि हुई है। मुख्य मंत्री लघु सिंचाई योजना के अंतर्गत 46,172 उथले नलकूपों का निर्माण हुआ है।
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आगामी छह महीनों में कुलपहाड़ स्प्रिंकलर सिंचाई परियोजना, बड़वार झील-गुरसरे मुख्य नहर की फीडर चैनल की परियोजना, जरगो नहर प्रणाली के नहरों के पुनरस्थापना कार्य, घोरी नहर का पुनरोद्धार, व कई अन्य परियोजनाओं को पूरा किया जाने का लक्ष्य है। इसी अवधि में प्रदेश के 61 जनपदों में 1101 राजकीय नलकूपों का रिबोर व वाराणसी, आजमगढ़, मिर्जापुर व प्रयागराज के मंडलों के 112 राजकीय नलकूपों का आधुनिकीकरण पूरा किया जाएगा।