लखनऊ: योगी सरकार 2.0 के पहले 100 दिन पूरे होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने सरकार की प्रगति रिपोर्ट जनता के सामने रखी। उन्होंने कहा कि सर्वाधिक आबादी वाले उत्तर प्रदेश ने इस सदी की सबसे बड़ी महामारी को मात देते हुए जीवन के साथ जीविका को बचाने के संकल्प को पूरा किया है। यूपी में एक ओर कोरोना संक्रमण को मात दी जा रही है वहीं विशेष संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान के तहत अन्य वायरस के खिलाफ सघन अभियान शुरू किया गया।
उन्होंने कहा कि एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज योजना को प्रदेश में प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। जिसके तहत प्रदेश के असेवित 16 जनपदों में से 02 जनपद महराजगंज व संभल में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए अनुबंध किया जा चुका है। इसके साथ मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना संग प्रदेश सरकार की ओर से निर्धारित 100 दिवस के लक्ष्यों को चिकित्सा शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने तय समय सीमा से पहले पूरा करने में सफल रहा है। ये मेगा हेल्थ पार्क हेल्थ सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स और दवाओं जैसी चिकित्सा सुविधाओं के उत्पादन को बड़े पैमाने पर बढ़ाकर राज्य को आत्मनिर्भर बनाएगा।
प्रदेश में मलेरिया और कालाजार जैसे रोग समाप्ति की ओर
सीएम ने कहा कि टीम वर्क का परिणाम है कि प्रदेश में मलेरिया और कालाजार रोग समाप्ति की ओर है। प्रति 1,000 की जनसंख्या पर एक से भी कम लोगों में मलेरिया की समस्या देखी गई, जबकि कालाजार रोग 22 चिन्हित ब्लॉक में हर 10,000 की आबादी में एक से कम लोगों में ही देखा गया है। यह सर्वाधिक जनसंख्या वाले यूपी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि बीते 05 वर्ष में जेई से असमय मृत्यु पर 95 फीसदी की गिरावट दर्ज की जा चुकी है।
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108 एंबुलेंस सेवा में 812 नई एंबुलेंस हुईं उपलब्ध
योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के 100 दिनों को पूरा करने के साथ ही स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करते हुए 108 एंबुलेंस सेवा में 812 नई एंबुलेंस को उपलब्ध कराया है। बता दें कि प्रदेश में एंबुलेंस सेवा में जहां 2007 से 2012 में 988 एंबुलेस संचालित थी वहीं 2012 से 2017 तक सपा में 1488 एंबुलेंस संचालित थी वहीं योगी सरकार के कार्यकाल में एम्बुलेंस सेवा के रिस्पांस टाइम को 15 मिनट किया गया। बता दें कि प्रदेश में गंभीर रोगियों के लिए अप्रैल 2017 से एडवांस लाईफ सपोर्ट एम्बुलेंस की सेवा को शुरू किया गया। एम्बुलेंस में एडवांस उपकरण जैसे कि वेंटिलेटर, दवाएं और एक प्रशिक्षित मेडिकल टेक्निशियन की व्यवस्था रहती है। प्रदेशवासियों को सेवा निःशुल्क उपलब्ध करायी जा रही है। अब तक 3.48 लाख रोगियों को सेवा प्रदान की जा चुकी है।