नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के बीच प्रधानमंत्री ‘नरेंद्र मोदी की बायोपिक’ के रिलीज डेट को लेकर आए दिन नया विवाद सामने आ रहा है। बता दें यह फिल्म पहले पांच अप्रैल को रिलीज होने वाली थी, लेकिन विवाद बढ़ने के बाद इसकी रिलीज डेट को बदल कर 11 अप्रैल कर दिया था। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने चुनावी मौहाल होने के कारण इस फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी गई थी।
पीएम नरेंद्र मोदी बायोपिक के निर्माताओं को बुधवार को फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए जा सकता है बुलाया
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब इस फिल्म को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। अब फाइनली इस फिल्म को रिलीज करने का फैसला लिया जा रहा है। चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया है कि फिल्म ‘पीएम नरेन्द्र मोदी’ के निर्माताओं को बुधवार को फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए बुलाया जा सकता है। बता दें आयोग के अधिकारियों की तरफ से फिल्म के निर्माताओं को जानकारी दी गई है की आयोग को फिल्म दिखाने को तैयार रहें। वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग को फिल्म देखनी है और फिल्म देखने के बाद फैसला करना है। हालांकि इस फिल्म के ट्रेलर को यूट्यूब से भी हटा दिया गया है।
ये भी पढ़ें :-लोकसभा चुनाव 2019: दिग्विजय के खिलाफ बीजेपी प्रत्याशी हो सकती हैं साध्वी प्रज्ञा
विपक्षी पार्टियां फिल्म के रिलीज करने की टाइमिंग को लेकर उठा रही थी सवाल
बता दें कि विपक्षी पार्टियां फिल्म के रिलीज करने की टाइमिंग को लेकर सवाल उठा रही थी। विपक्षी दलों ने फिल्म की रिलीज के समय को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि चुनाव के समय फिल्म को रिलीज न होने दिया जाए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचियाकर्ताओं की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए, फिल्म की रिलीज को स्वीकृति दे दी है। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा है कि फिल्म को अभी सर्टिफिकेट नहीं मिला है, ऐसे में याचिकाकर्ता ने फिल्म को देखा तक नहीं है। इसलिए फिल्म पर आपत्ति जायज नहीं है।
कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा था कि पहले वह यह तो साफ करें कि उन्हें फिल्म के कौन से सीन पर दिक्कत है?
कोर्ट का मानना है कि दो मिनट के ट्रेलर से यह तय नहीं किया जा सकता कि फिल्म प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक है और यह वोटर्स को प्रभावित कर सकती है। ऐसे में कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा था कि पहले वह यह तो साफ करें कि उन्हें फिल्म के कौन से सीन पर दिक्कत है?