सोमवार को संसद ने पेगासस मुद्दे पर हंगामे के बीच ही न्यायाधिकरण सुधार विधेयक को मंजूरी दे दी। राज्यसभा ने आज इसे मंजूरी दी, जबकि लोकसभा ने इसे तीन अगस्त को ही पारित कर दिया था। इसमें नौ अपीलीय न्यायाधिकरणों को समाप्त करने का प्रावधान है। इनमें फिल्म सर्टिफिकेशन अपीलेट ट्रिब्यूनल (FCAT) भी शामिल है।
विधेयक को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा मेें पेश किया। इसे ध्वनि मत से मंजूरी दे दी गई। विपक्ष ने इसे सिलेक्ट कमेटी को भेजने का आग्रह किया, लेकिन मत विभाजन के जरिए इसे खारिज कर दिया गया। विधयेक के पारित होते ही विपक्षी सदस्य गर्भगृह में आ गए और कृषि कानून, जासूसी व अन्य मामलों को लेकर हंगामा करने लगे।
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पेगासस जासूसी मामला, केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग सहित कुछ अन्य मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही चार बार के स्थगन के बाद मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं इससे पहले ‘पेगासस प्रोजेक्ट’ मीडिया रिपोर्ट पर विपक्षी सांसदों की नारेबाजी के बाद राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।