लखनऊ। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के निर्देशन पर जालसाजी के आरोप में आशीष श्रीवास्तव की 1 करोड़ 24 लाख से अधिक की स पत्ती को कुर्क किया गया है। आरोपित के खिलाफ राजधानी के विभिन्न थानों में करीब 98 मुकदमें दर्ज हैं। लगभग सभी मुकदमें जमीन की खरीद-फरोस्त को लेकर धोखाधड़ी के हैं।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि मूल रूप से बाराबंकी कमरियाबाग सत्यपे्रमी निवासी आशीष श्रीवास्तव की राजधानी समेत आस-पास के इलाकों की स पत्तियों को कुर्क किया गया है। उन्होंने बताया कि आशीष श्रीवास्तव का एक संगठित गैंग है। गैंग में उसकी पत्नी साला व अन्य परिजन शामिल हैं। गैंग का लीडर वह स्वयं है। आरोपित ने सबसे पहले बाराबंकी में रविन्द्र पल्ली में योजना बनाकर लकी ड्रा के माध्यम से लोगों को 16 हजार रुपये में प्लाट देने का वादा किया था। प्रलोभन में आकर तमाम लोगों ने आशीष को रुपये दिए थे। लकी ड्रा होने के बाद लोगों को न तो प्लाट मिला था और न ही उनका पैसा वापस मिला था।
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आरोपित बाराबंकी में टॉप 10 का भू-माफिया है। आरोपित आशीष के ाय से लोग उसके खिलाफ पुलिस प्रशासन से शिकायत करने में लोग डरते हैं। गुरूवार को आरोपित और गैंग में शामिल लोगों के नाम से अर्जित की गई स पत्ती को कुर्क किया गया है। पुलिस ने बताया कि गुरूवार को पुलिस ने ग्राम बस्ती परगनाा देवा नवाबगंज बाराबंकी, ग्राम माधौपुर परगना नवाबगंज बराबंकी ग्राम तिन्दौला तहसील नवाबगंज बाराबंकी, एक टाटा सफारी, बुलेरो व अन्य प्रकार की स पत्ती कुर्क की गई है। कुर्क की गई स पत्ती की कीमत तकरीब 1 करोड़ 24 लाख रुपये से अधिक आंकी जा रही है।
पत्नी, भाई और साले के नाम से खरीदी जमीनें पुलिस ने बताया कि आरोपित शातिर शातिर किस्म का है। इसका एक संगठित गिरोह है, जो कि भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फंसाता है और उनका पैसा हड़प कर लेता है। आरोपित के गिरोह में उसकी पत्नी सुषमा श्रीवास्तव, गाड़ी चालक राम सेवक रावत, साला सुशील श्रीवास्तव, भाई अंकुर श्रीवास्तव भी शामिल हैं। लोगों से धोखाधड़ी कर आरोपित ने अपने गिरोह के सदस्यों के नाम से तमाम स पत्ती अर्जित कर रखी है। आरोपित के खिलाफ समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के तहत लिप्त रहता है।