Programmes in connection with Amrit Mahotsav are being held throughout the country. Be it struggle saga of a freedom fighter; be it history of a place or any cultural story from country, you can bring it to fore during Amrit Mahotsav& become a means to connect with countrymen: PM pic.twitter.com/uAteftAOs0
— ANI (@ANI) March 28, 2021
मन की बात’ में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा :-
मैं एक यूनिक लाइट हाउस के बारे में भी आपको बताना चाहूंगा। ये लाइट हाउस गुजरात के सुरेन्द्र नगर जिले में जिन्झुवाड़ा नाम के एक स्थान में है। जानते हैं, ये लाइट हाउस क्यों खास है?
शोपियां मुठभेड़ में दो आतंकवादी ढेर, जवान शहीद
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत में भी 71 लाइट हाउस की पहचान किये गए हैं। इन सभी लाइट हाउस में उनकी क्षमताओं के मुताबिक म्यूजियम, अम्फी-थिएटर, ओपेन एयर थिएटर, कैफेटेरिया, बच्चों के लिए पार्क, और लैंडस्कैपिंग तैयार किये जाएंगे।
मन की बात के दौरान मोदी ने कहा कि मैंने, पर्यटन के विभिन्न पहलुओं पर अनेक बार बात की है, लेकिन, ये लाइट हाउस, पर्यटन के लिहाज से अलग होते हैं। अपनी भव्य संरचनाओं के कारण लाइट हाउस हमेशा से लोगों के लिए आकर्षण के केंद्र रहे हैं।
आज, शिक्षा से लेकर एंटरप्रेन्योर तक, आर्म फोर्सेज से लेकर विज्ञान और तकनीकी तक, हर जगह देश की बेटियाँ, अपनी, अलग पहचान बना रही हैं। ये दिलचस्प है, इसी मार्च महीने में, जब हम महिला दिवस सेलिब्रेट कर रहे थे, तब कई महिला खिलाड़ियों ने मेडल और रिकॉर्ड्स अपने नाम किये हैं।
देश की बेटियां आज हर जगह अपनी अलग पहचान बना रही है। वे खेलों में अपनी दिलचस्पी दिखा रही है। अभी हाल ही में मिताली राज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 10,000 रन बनाने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर बनी हैं। उन्हें इसके लिए बहुत-बहुत बधाई।
इन सबके बीच, कोरोना से लड़ाई का मंत्र भी जरुर याद रखिए – ‘दवाई भी, कड़ाई भी’।
उसी प्रकार से हमारे कोरोना वैरियर warriors के प्रति सम्मान, आदर, थाली बजाना, ताली बजाना, दिया जलाना। आपको अंदाजा नहीं है कोरोना योद्धा के दिल को कितना छू गया था वो, और, वो ही तो कारण है, जो पूरी साल भर, वे, बिना थके, बिना रुके, डटे रहे।
पिछले वर्ष ये मार्च का ही महीना था, देश ने पहली बार जनता कर्फ्यू शब्द सुना था लेकिन इस महान देश की महान प्रजा की महाशक्ति का अनुभव देखिये, जनता कर्फ्यू पूरे विश्व के लिए एक अचरज बन गया था। अनुशासन का ये अभूतपूर्व उदाहरण था, आने वाली पीढ़ियाँ इस एक बात को लेकर के जरुर गर्व करेगी।
आज़ादी के लड़ाई में हमारे सेनानियों ने कितने ही कष्ट इसलिए सहे, क्योंकि, वो देश के लिए त्याग और बलिदान को अपना कर्तव्य समझते थे। उनके त्याग और बलिदान की अमर गाथाएँ अब हमें सतत कर्तव्य पथ के लिए प्रेरित करे।
आप देखिएगा, देखते ही देखते ‘अमृत महोत्सव’ ऐसे कितने ही प्रेरणादायी अमृत बिंदुओं से भर जाएगा, और फिर ऐसी अमृत धारा बहेगी जो हमें भारत की आज़ादी के सौ वर्ष तक प्रेरणा देगी। देश को नई ऊंचाई पर ले जाएगी, कुछ न कुछ करने का जज्बा पैदा करेगी।
किसी स्वाधीनता सेनानी की संघर्ष गाथा हो, किसी स्थान का इतिहास हो, देश की कोई सांस्कृतिक कहानी हो, ‘अमृत महोत्सव’ के दौरान आप उसे देश के सामने ला सकते हैं, देशवासियों को उससे जोड़ने का माध्यम बन सकते हैं।
पीएम ने कहा कि पिछले साल जनता कर्फ्यू पूरी दुनिया के लिए अचरज बन गया था। आने वाली पीढ़ियां इस बात को लेकर गर्व महसूस करेगी। कोरोना वॉरियर्स के लिए थाली बजाना, ताली बजाना, दिया जलाना उनके दिल को छू गया। यही कारण है के वे लोगों की जान बचाने के लिए जी जान से जूझते रहें।
पीएम ने कहा, ‘मैं आज, इस 75वें संस्करण के समय सबसे पहले ‘मन की बात’ को सफल बनाने के लिए, समृद्ध बनाने के लिए और इससे जुड़े रहने के लिए हर श्रोता का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूँ।
मैं आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं कि आपने इतनी बारीक नज़र से ‘मन की बात’ को follow किया है और आप जुड़े रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये मेरे लिए बहुत ही गर्व का विषय है, आनंद का विषय है। मैं आज इस 75वें एपिसोड के समय सबसे पहले मन की बात को सफल बनाने के लिए, समृद्ध बनाने के लिए और इससे जुड़े रहने के लिए हर श्रोता का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।
बता दें, इससे पहले पिछले महीने 28 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ में कई मुद्दों पर बात की थी। उन्होंने पानी के महत्व के बारे में कहा था। उन्होंने कहा था कि पानी, एक तरह से पारस से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है। साथ ही तमिल भाषा का भी जिक्र किया था।
उन्होंने कहा था कि तमिल एक ऐसी सुंदर भाषा है, जो दुनिया भर में लोकप्रिय है। मैंने खुद से कहा कि मेरी एक कमी ये रही कि मैं दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा तमिल सीखने के लिए बहुत प्रयास नहीं कर पाया, मैं तमिल नहीं सीख पाया।