लखनऊ। उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में रविवार को 50 करोड़ रुपये का घोटाला उजागर हुआ है। इसके बाद आधिकारियों में हड़कंप मच गया है। वहीं, घोटाले में लिप्त अफसरों पर शिकंजा कसने की योगी सरकार ने तैयारी कर ली है।
एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी , ऐसे में घोटालेबाज अफसरों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
इस घोटाले की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गोपनीय जांच रिपोर्ट सौंप दी गई है। सूत्रों के मुताबिक, जांच रिपोर्ट के आधार पर सीएम योगी इन भ्रष्ट अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई कर सकते हैं। इसके साथ ही एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी भी की जा रही है। ऐसे में घोटालेबाज अफसरों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
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कागजों पर 200 से अधिक सड़कों का निर्माण दिखा दिया, बिना काम कराए 6 करोड़ रुपये का भुगतान
बता दें कि बस्ती और देवरिया जिले में विभाग के अफसरों और कर्मचारियों ने बिना सड़क के निर्माण कराए। कागजों पर पूरी सड़कों का निर्माण दिखा दिया गया। बताया जा रहा है कि 200 से अधिक सड़कों के निर्माण में अफसरों की मिली भगत से यह घोटाला किया है। वहीं, 600 सप्लाई ऑर्डर कर बिना काम कराए 6 करोड़ रुपये का भुगतान निकाल लिया, जबकि सड़कों के चौड़ीकरण और सुंदरीकरण के नाम पर मद को बदल दिया गया है।
16 जूनियर इंजीनियर, दो सहायक अभियंता, तत्कालीन अधिशासी अभियंता और अकाउंटेंट के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी
इस फर्जीवाड़े में 16 जूनियर इंजीनियर, दो सहायक अभियंता, तत्कालीन अधिशासी अभियंता और अकाउंटेंट पर शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है। बता दें कि इससे पहले लोक निर्माण विभाग में 28 करोड़ के घोटाले को अंजाम देने वाले अफसरों पर शिकंजा कसा गया था। विभागाध्यक्ष ने इन सभी घोटालेबाज अफसरों के खिलाफ मुख्यमंत्री को निलंबन और विभागीय कार्रवाई की पत्रावली भेजी थी।