उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी के बीच जहां लोग सांसों के लिए जद्दोजहद करते नजर आ रहे हैं। वहीं लोगों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए कुछ लोग दवाओं और जरूरी चीजों की कालाबाजारी से भी बाज नहीं आ रहे हैं। पुलिस ने ऐसे ही एक गिरोह का खुलासा किया है जो नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन महंगे दामों में बेच रहे थे।
लखनऊ कमिश्नरेट के पश्चिमी जोन की पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से 240 नकली इंजेक्शन के साथ इंजेक्शन बनाने का सामान भी बरामद किया गया है। इसके बाद ही पुलिस सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए आगे की कार्रवाई करने में जुट गई है।
इंजेक्शन खरीदने गए युवक को नकली होने का हुआ था शक
जानकारी के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों में मनीष तिवारी उर्फ तपन ने एक युवक को द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन 15 से 20 हजार रुपये में देने की बात कही। युवक ने मजबूरी में इंजेक्शन आरोपी के मन मुताबिक रुपये देकर लेने के लिए तैयार हो गया। अलीगंज निवासी युवक अमीनाबाद इंजेक्शन लेने पहुंचा। आरोपी मनीष तिवारी ने जब उस युवक को इंजेक्शन दिया तो उसको शक हुआ कि इंजेक्शन डुप्लीकेट है, जिसके बाद उसने अपने डॉक्टर को उसकी फोटो भेजी, जिस पर डॉक्टर ने इंजेक्शन डुप्लीकेट होने की बात कही।
युवक ने इसके बाद पुलिस को इस बात की जानकारी दी। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद उससे पूछताछ की गई। पूछताछ में ही उसकी निशानदेही पर एक मकान पर छापेमारी की गई, जहां पर इसके अन्य गिरोह नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बना रहे थे। पुलिस ने मनीष समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही इन आरोपियों के पास से माल को भी जब्त कर लिया गया है, जिसका इस्तेमाल यह लोग फर्जी इंजेक्शन बनाने में कर रहे थे।
पूछताछ में हुआ गिरोह का खुलासा
इंस्पेक्टर अमीनाबाद आलोक कुमार राय की मानें तो कोरोना महामारी के बीच कालाबाजारी की काफी शिकायतें मिल रही थी, जिसको लेकर पुलिस टीम इन गिरोहों पर शिकंजा कसने के लिए काम कर रही थी, तभी पुलिस को एक सूचना प्राप्त हुई की एक युवक के द्वारा नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचा जा रहा है। इस सूचना पर तत्काल मौके पर पहुंचकर उस आरोपी को गिरफ्तार किया गया, जिससे पूछताछ की गई तभी इसके अन्य गिरोह का खुलासा हुआ है।
इंस्पेक्टर अमीनाबाद आलोक कुमार राय ने बताया कि आरोपियों द्वारा नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाकर लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा था। इतना ही नहीं इन आरोपियों द्वारा अपने मन मुताबिक दामों पर भी उन इंजेक्शनों को बेच दिया जाता था। उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपियों की पहचान मनीष तिवारी उर्फ तपन, विकास कुमार दीक्षित व मोहित पांडे ठाकुरगंज निवासी, प्रवीण वर्मा मडियांव निवासी व अब्दुश सुफियान पारा निवासी के रूप में हुई है। उन्होंने बताया इन आरोपियों के पास से 240 पीआईपी टी 4.5 जीएम इंजेक्शन पैकेट, 59 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की सीसी, 4224 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के लेवल और बेचे गए माल की नगदी 81,840 रुपये बरामद किए गए हैं।